राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
इजरायली सरकार ने भारत सरकार से एक लाख मजदूरों की मांग की है. इस इजरायल के उद्योग और व्यवसाय मजदूरों की कमी से जूझ रहे हैं, क्योंकि इजरायल ने फिलस्तीनी मजदूरों पर पाबंदी लगा दी है. उसे आशंका है कि फिलस्तीनी मजदूर इजरायल में विध्वंसक कार्रवाई में संलिप्त हो सकते हैं.
टाइम्स एलजेब्रा ने एक ट्वीट में बताया, ‘‘इजरायल ने भारत से फिलिस्तीनी श्रमिकों के स्थान पर तुरंत 100,000 श्रमिकों की मांग की, जिन्हें 7 अक्टूबर के भयानक आतंकवादी हमलों के बाद इजराइल में काम करने की अनुमति नहीं है. इजराइल और भारत ने मई में 42,000 भारतीय श्रमिकों को यहूदी राज्य में काम करने की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.’’
BIG BREAKING NEWS ⚡ Israel asks India for 100,000 employees immediately to replace Palestinian employees who are not allowed to work in Israel anymore after horrific Oct 7 terror attacks.
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) November 6, 2023
Israel and India in May had signed an agreement to allow 42,000 Indian people to work in… pic.twitter.com/0fcoWSRDYX
इजराइल ने 20 सितंबर को को गाजा के साथ क्रॉसिंग प्वाइंट बंद कर दिए, जिससे हजारों श्रमिकों को इजराइल और वेस्ट बैंक में अपनी नौकरियों पर जाने से रोक दिया गया. लगभग 18,000 गजावासियों के पास नाकाबंदी वाले क्षेत्र के बाहर काम करने के लिए इजरायली अधिकारियों से परमिट है, जिससे इस गरीब क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में प्रति दिन लगभग 2 मिलियन डॉलर की नकदी का महत्वपूर्ण योगदान होता है.
इसके बाद इजरायल का बयान आया कि उसने अपने यहां फिलस्तीनों मजदूरों पर पाबंदी लगा दी है, क्योंकि वे अब ‘विश्वसनीय’ नहीं रहे हैं. दूसरी ओर रिजर्व सैनिकों के तौर पर काफी संख्या में इजरायली इन दिनों आईडीएफ में तैनात हो गए हैं. ये सीाी रिजर्व सैनिक किसी न किसी उद्योग-व्यवसाय से जुड़े हुए थे. इसलिए इजरायल में मजदूरों की दोतरफा कमी महसूस की जा रही है. इस कमी को पूरा करने के लिए इजरायल ने भारत से मजदूरों की आपूर्ति करने को कहा है.
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