भारतीय मूल के इतिहासकार सुनील अमृत ने ‘ब्रिटिश एकेडमी बुक प्राइज’ जीता

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 23-10-2025
Indian-origin historian Sunil Amrith wins British Academy Book Prize
Indian-origin historian Sunil Amrith wins British Academy Book Prize

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय मूल के इतिहासकार सुनील अमृत की पुस्तक ‘द बर्निंग अर्थ: एन एनवायरनमेंटल हिस्ट्री ऑफ द लास्ट 500 इयर्स’ को इस वर्ष के ‘ब्रिटिश एकेडमी बुक प्राइज’ से सम्मानित किया गया है।
 
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत 25,000 पाउंड दिए जाते हैं। यह पुरस्कार दुनियाभर की सर्वश्रेष्ठ गैर-काल्पनिक पुस्तकों को दिया जाता है।
 
वर्ततान में अमेरिका के येल विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर सुनील अमृत का जन्म केन्या में हुआ था। उनके माता-पिता दक्षिण भारतीय हैं। वे सिंगापुर में पले-बढ़े और इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक प्राप्त हैं।
 
अमृत (46) की इस नवीनतम पुस्तक को बुधवार शाम को लंदन में ब्रिटिश एकेडमी में आयोजित एक समारोह में पुरस्कृत किया गया। निर्णायकों ने इस पुस्तक को जलवायु संकट के संदर्भ में ‘‘महत्वपूर्ण’’ बताया है।
 
अमृत ने अमेरिका से एक वीडियो के माध्यम से कहा कि मुझसे कई बार पूछा गया है कि क्या ‘द बर्निंग अर्थ’ एक निराश करने वाली पुस्तक है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें निस्संदेह मानव और पर्यावरणीय पीड़ा का विवरण है, लेकिन यह भी दिखाता है कि इन दोनों का संबंध गहराई से जुड़ा रहा है। फिर भी पुस्तक यह संदेश देती है कि इतिहास में कई ऐसे रास्ते थे जिन्हें हमने नहीं अपनाया- वे विचार, आंदोलन और तकनीकें जो अधिक टिकाऊ और मानवीय थीं। शायद उन भूले-बिसरे रास्तों में ही हमारे भविष्य के लिए प्रेरणा छिपी है।’’
 
निर्णायक समिति की अध्यक्ष एवं ब्रिटिश इतिहासकार प्रोफेसर रेबेका एरल ने पुस्तक को मानव इतिहास और पर्यावरणीय परिवर्तन के बीच गहरे संबंधों का अद्भुत विवरण बताया है।
 
पुरस्कार के लिए अन्य पांच चयनित पुस्तकों में विलियम डालरिंपल की ‘द गोल्डन रोड: हाउ एंशिएंट इंडिया ट्रांसफॉर्म्ड द वर्ल्ड’ भी शामिल थी।