तिरुवनंतपुरम
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि विश्वभर में बढ़ती राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की स्थिति तुलनात्मक रूप से कहीं अधिक मजबूत बनी हुई है। उन्होंने इस अस्थिर वैश्विक माहौल में भारत की स्थिर और सशक्त आर्थिक प्रगति को विशेष रूप से उल्लेखनीय बताया।
‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में नागेश्वरन ने कहा कि वर्ष 2022 से ही दुनिया संघर्ष और व्यवधान के दौर से गुजर रही है, लेकिन अब ये परिस्थितियाँ पहले से भी अधिक अनिश्चित और अप्रत्याशित हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा परिवेश पूरी दुनिया की आर्थिक वृद्धि के लिए नई और जटिल चुनौतियाँ खड़ी कर रहे हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध, पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव, भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव और वैश्विक व्यापार पर शुल्क युद्धों के प्रभाव के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में सीईए ने कहा कि नकारात्मक स्थितियाँ सकारात्मक संभावनाओं पर हावी हो रही हैं। हालांकि, यह केवल भारत की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक समस्या है, जो कई देशों को प्रभावित कर रही है।
नागेश्वरन ने कहा कि आज का वैश्विक परिदृश्य – चाहे वह राजनीतिक हो, आर्थिक हो या फिर सुरक्षा से संबंधित – पहले की तुलना में कहीं अधिक कठिन और जटिल हो गया है। इसके बावजूद भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा समय में भारत की 6.5 प्रतिशत की विकास दर को बनाए रखना एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से दुनिया के बदले हुए आर्थिक माहौल को देखते हुए। यह कोई सामान्य बात नहीं है।
सीईए ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि इस विकास दर को सात प्रतिशत और उससे अधिक तक पहुँचाया जाए, और इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आगाह किया कि अब विश्व पहले जैसी अनुकूल परिस्थितियों में काम नहीं कर रहा है। ऐसे में, यदि भारत 6.5 प्रतिशत की दर से भी विकास कर रहा है, तो यह अपने आप में एक सराहनीय और उल्लेखनीय उपलब्धि है।
नागेश्वरन के अनुसार, सरकार आने वाले समय में तेज़ विकास सुनिश्चित करने के लिए पूरी तत्परता से काम कर रही है और वैश्विक चुनौतीपूर्ण माहौल में भारत को आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है।