आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत में जन्मी चीता मुखी ने मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पांच शावकों को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को इसे ‘प्रोजेक्ट चीता’ में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत में जन्मी चीता मुखी ने मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पांच शावकों को जन्म दिया है, जिससे एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि मां और शावक स्वस्थ हैं।
उन्होंने कहा कि यह भारत की चीता पुनरुद्धार पहल के लिए एक अभूतपूर्व सफलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में जन्मी पहली मादा चीता मुखी अब प्रजनन करने वाली भारत में जन्मी पहली चीता बन गई है जिसने 33 महीने की उम्र में शावकों को जन्म दिया।
यादव ने कहा कि भारत में जन्मे चीते का सफल प्रजनन, भारतीय वातावरण में इस प्रजाति के अनुकूलन, स्वास्थ्य और लंबे समय की संभावनाओं का एक मज़बूत संकेत है।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण कदम भारत में एक आत्मनिर्भर और अनुवांशिक रुप से विविध चीता आबादी के बारे में उम्मीद को मज़बूत करता है, जिससे देश के संरक्षण लक्ष्यों को और बढ़ावा मिलेगा।
देश में विलुप्त होने के कई दशक बाद, 17 सितंबर, 2022 को चीतों को भारत में फिर से लाया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब नामीबिया से लाए गए आठ चीतों (पांच मादा और तीन नर) को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था, जो चीतों का पहला अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण था।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कुनो में शावकों के जन्म को एक ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ करार दिया और कहा यह भारतीय माहौल में चीते के ‘अनुकूल, स्वास्थ्य और दीर्घकालिक व्यवहार्यता के मजबूत संकेत’ दिखाता है।
उन्होंने एक बयान में कहा, “यह भारत में आत्मनिर्भर और आनुवंशिक रूप से विविध चीतों की आबादी को बढ़ाने की उम्मीदों को मजबूती प्रदान करता है।”