मस्कट. ओमान के विरासत और पर्यटन मंत्री सलीम बिन मोहम्मद अल महरूकी ने बुधवार को कहा कि भारत और ओमान पर्यटन क्षेत्र में मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच आवागमन और आदान-प्रदान आसान होगा. उन्होंने पर्यटन क्षेत्र में ओमान और भारत के बीच संबंधों को बढ़ते हुए देखने की उत्सुकता पर भी जोर दिया.
महरूकी ने कहा कि ओमान में पर्यटकों की आमद के मामले में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने कहा कि ओमान भारतीय बाजार में एक लोकप्रिय विवाह स्थल के रूप में विशेष रूप से प्रसिद्ध है.
भारत-ओमान संबंधों पर उन्होंने कहा, ‘‘खैर, भारत और ओमान के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं. ओमान एक अच्छा गंतव्य है. ओमान में पर्यटकों की आमद के मामले में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं. शादी के गंतव्य के रूप में, ओमान भारतीय बाजार में अच्छी तरह से जाना जाता है और इसलिए हम पर्यटन के मामले में ओमान और भारत के बीच संबंधों को बढ़ते हुए देखना चाहते हैं और इससे हम सभी को लाभ होगा.’’ उन्होंने आगे कहा कि ओमान की भारत में मौजूदगी है और हर साल वे पाँच भारतीय शहरों को चुनते हैं, जहाँ वे ओमान को बढ़ावा देते हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या ओमान के पास भारत के लिए कोई पर्यटन योजना है और क्या उनके पास विरासत और पर्यटन के मामले में भारत के साथ कोई सहयोग योजना है, सलीम बिन मोहम्मद अल महरूकी ने कहा, ‘‘हमारे पास एक योजना है. हमारे पास गतिविधियाँ हैं. भारत में हमारी मौजूदगी है. हर साल पाँच मुख्य भारतीय शहर हैं, जिन्हें ओमान को बढ़ावा देने के मामले में लक्षित किया जाता है और इसलिए यह मुद्दा कि हम भौगोलिक निकटता और कनेक्टिविटी को कैसे महत्व दे सकते हैं, इस संबंध में अप्रासंगिक है क्योंकि कई तत्व हैं, बस उन्हें भुनाने की जरूरत है और हम सही तरीके से कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि भारत और ओमान एक साथ काम करना जारी रखेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच आमद आसान हो जाएगी. यह पूछे जाने पर कि पर्यटन क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन कैसे कर सकते हैं, मंत्री ने कहा, ‘‘ठीक है, हमें एक साथ काम करना जारी रखना होगा, जिससे दोनों पक्षों के बीच आमद आसान हो और वास्तव में यही हो रहा है और इसलिए मैं ऐसा कोई बड़ा अवरोध नहीं कहता जो लोगों को ऐसा करने से रोक रहा हो.’’
भारत और ओमान भूगोल, इतिहास और संस्कृति से जुड़े हुए हैं और उनके बीच मधुर और सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुए थे और 2008 में इस संबंध को रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया गया था. ओमान भारत की पश्चिम एशिया नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और इसका सबसे पुराना क्षेत्रीय रणनीतिक साझेदार है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के बीच राजनीतिक जुड़ाव ने तेजी से और अधिक रणनीतिक आकार ले लिया है. भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय संबंध 2008 में रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो गए थे.