नई दिल्ली
भारतीय स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्मों की सिनेमाघरों में निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर आवाज़ उठाई है। इस आंदोलन में पायल कपाड़िया, वरुण ग्रोवर, अनुपर्णा रॉय, वासन बाला सहित कुल 46 फिल्म निर्माता शामिल हैं।
उन्होंने अपने संयुक्त बयान में कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि उनकी फिल्में भी दर्शकों तक पहुँचें। ये फिल्में भारतीय कहानियों और विचारों को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही जाती हैं। लेकिन इसके बावजूद, स्वतंत्र निर्माताओं की फिल्मों को सिनेमाघरों में पर्याप्त और सुलभ स्क्रीन समय नहीं मिल पाता।
बयान में उन्होंने फिल्म निर्माता कनु बहल का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म "आगरा" को व्यापक मीडिया कवरेज और दर्शकों की रुचि मिलने के बावजूद सिनेमाघरों में उचित शोटाइम हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
निर्माताओं का कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत संघर्ष नहीं, बल्कि सभी स्वतंत्र फिल्मों की दृश्यता और भारतीय सिनेमा की विविधता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने सरकार और सिनेमाघरों से अपील की है कि स्वतंत्र फिल्मों के लिए पर्याप्त स्थान और अवसर सुनिश्चित किए जाएँ, ताकि भारतीय सिनेमा की विविधता और गुणवत्ता दर्शकों तक पहुँच सके।