अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर लेखिका बानू मुश्ताक को मिली देशभर से बधाइयाँ, कन्नड़ साहित्य के लिए गौरव का क्षण

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 21-05-2025
Writer Banu Mushtaq receives congratulations from across the country for winning the International Booker Prize, a proud moment for Kannada literature
Writer Banu Mushtaq receives congratulations from across the country for winning the International Booker Prize, a proud moment for Kannada literature

 

बेंगलुरु

कन्नड़ लघु कथा संग्रह के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर लेखिका बानू मुश्ताक को देशभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं.इस उपलब्धि को कन्नड़ भाषा और साहित्य के लिए ऐतिहासिक और गर्व का क्षण बताया जा रहा है.कई लोगों ने कहा कि बानू मुश्ताक के लेखन ने कन्नड़ भाषा की जीवंतता और गहराई को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है.

बानू मुश्ताक — जो लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से वकील हैं — की लघु कथा संग्रह ‘हृदय दीप’ (Heart Lamp) को मंगलवार रात लंदन में आयोजित समारोह में 50,000पाउंड की राशि वाला प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्रदान किया गया। यह किसी कन्नड़ लघु कथा संग्रह को पहली बार मिला है.

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,"साहित्य के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली गर्वित कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को हार्दिक बधाई.यह कन्नड़ भाषा, उसके साहित्य और पूरे कर्नाटक के लिए उत्सव का क्षण है."

उन्होंने आगे कहा कि मुश्ताक की लेखनी में इस भूमि के सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे के मूल्यों की झलक मिलती है.उन्होंने यह भी कहा कि मुश्ताक ने कन्नड़ भाषा की गरिमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है.मुख्यमंत्री ने इस कृति का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली लेखिका दीपा भास्ती को भी बधाई दी.

केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने भी ‘एक्स’ पर बधाई देते हुए लिखा,"यह सभी कन्नड़ भाषियों के लिए गर्व का क्षण है.बानू मुश्ताक को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्राप्त करने पर हार्दिक शुभकामनाएँ."

उन्होंने दीपा भास्ती के योगदान की भी प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि मुश्ताक आने वाले वर्षों में और भी उल्लेखनीय रचनाएं करेंगी.उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा,"बानू मुश्ताक ने कन्नड़ साहित्य के गौरव को वैश्विक मंच पर पहुँचाया है.‘हृदय दीप’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्राप्त करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है." उन्होंने दीपा भास्ती को भी उनके उत्कृष्ट अनुवाद के लिए बधाई दी.

भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने भी बधाई देते हुए कहा कि पहली बार किसी कन्नड़ रचना को यह सम्मान मिला है, जो पूरे राज्य और कन्नड़ भाषियों के लिए अत्यंत गर्व का विषय है.

उन्होंने कहा,"बानू मुश्ताक ने कन्नड़ भाषा की ऊर्जा, संवेदना और साहित्यिक गहराई को विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया है.हम सभी उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से गौरवान्वित हैं."बुकर पुरस्कार की निर्णायक समिति ने मुश्ताक की रचना को “पारिवारिक और सामाजिक तनावों को मजाकिया, हाजिरजवाबी, जीवंत और आम बोलचाल की भाषा में गहराई से चित्रित करने वाली एक प्रभावशाली शैली” बताया.

कुल छह अंतरराष्ट्रीय पुस्तकों में से चुनी गई ‘हृदय दीप’ को यह पुरस्कार मिलने के साथ ही, बानू मुश्ताक कन्नड़ साहित्य की वैश्विक पहचान की नई प्रतीक बनकर उभरी हैं.