अपने देश भारत की सेवा करने के लिए पैदा हुआ हूं: पुलिसकर्मी अली ने अदालत से राहत मिलने पर कहा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 03-05-2025
I was born to serve my country India: Policeman Ali said after getting relief from the court
I was born to serve my country India: Policeman Ali said after getting relief from the court

 

जम्मू
 
पाकिस्तान भेजे जाने से अदालत द्वारा अतंरिम राहत मिलने के कुछ दिन बाद शनिवार को 45 वर्षीय पुलिसकर्मी इफ्तिखार अली ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और अपने देश भारत की सेवा करने के लिए ही जन्म लिया है.
 
उच्च न्यायालय के समय पर हस्तक्षेप के कारण अली और उनके आठ भाई-बहनों को आखिरी वक्त पर पाकिस्तान भेजे जाने से रोक दिया गया.
 
पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास मेंढर उपमंडल के निवासी अली ने अपना लगभग आधा जीवन पुलिस बल को समर्पित किया है, इसकी विभिन्न शाखाओं में उत्कृष्ट सेवा की है. उन्हें साहस एवं कर्तव्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए सराहना मिली है.
 
अली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें विश्वास है कि देश का नेतृत्व उन्हें महज इस ‘‘साजिश’’ के आधार पर दुश्मन देश को नहीं सौंपने देगा कि वह जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से से ताल्लुक रखते हैं, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है.
 
अली के विस्तारित परिवार के नौ सदस्य उन दो दर्जन से अधिक लोगों में शामिल थे, जिनमें से अधिकतर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के हैं, जिन्हें पुंछ, राजौरी और जम्मू जिलों के अधिकारियों द्वारा भारत छोड़ने के नोटिस दिए गए थे और उन्हें मंगलवार और बुधवार को पाकिस्तान भेजने के लिए पंजाब ले जाया गया था.
 
हालांकि, अली और उनके आठ भाई-बहनों को तब पुंछ में उनके गांव वापस लाया गया, जब जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें दावा किया गया था कि वे पाकिस्तानी नागरिक नहीं हैं और पीढ़ियों से सलवाह गांव में रह रहे हैं.
 
अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सलवाह के निवासी होने का हमारा सदियों पुराना इतिहास है, हमारे माता-पिता और अन्य पूर्वजों को गांव में दफनाया गया था... यह नोटिस (26 अप्रैल को पुंछ के उपायुक्त द्वारा) हमारे परिवार के लिए एक झटका था, जिसमें 200 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें कुछ सेना में सेवारत हैं.’’
 
अली ने कहा कि इस स्थिति के बीच उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया और उन्हें राहत देने के लिए वह न्यायपालिका के आभारी हैं.