आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता के. प्रकाश बाबू ने रविवार को कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एम ए बेबी ने केरल द्वारा पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर करने को लेकर हाल में डी राजा के साथ हुई चर्चा के दौरान इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया और केवल चुप्पी साधे रखी।
उन्होंने कहा कि भाकपा महासचिव राजा ने शनिवार को दोपहर का भोजन भी नहीं किया और वह इस मामले पर चर्चा करने के लिए बेबी से मिलने आए थे लेकिन उन्होंने इस विषय पर कोई जवाब नहीं दिया।
बाबू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजा पीएम श्री योजना पर पार्टी की चिंताओं से अवगत कराने और अपना रुख स्पष्ट करने बेबी से मिलने गए थे। यह वास्तव में भाकपा और माकपा का संयुक्त रुख था।’’
उन्होंने कहा कि राजा ने जानना चाहा कि क्या केरल तमिलनाडु की तरह केंद्रीय योजना के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ सकता है और उन्होंने बेबी से अनुरोध किया कि वह माकपा की राज्य इकाई से पीएम श्री योजना में शामिल होने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहें।
बाबू ने कहा, ‘‘हालांकि जब राजा ने पीएम श्री योजना से जुड़े मुद्दों पर बात की तो बेबी ने केवल चुप्पी साधे रखी। इससे मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत दुख हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माकपा नेता ने इसमें हस्तक्षेप करने में अपनी असमर्थता जताई है।
बाबू ने कहा कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी केरल सामान्य शिक्षा विभाग द्वारा पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर किए जाने पर चर्चा करेगी और इस संबंध में भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर फैसला करेगी।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो मंत्रिमंडल के समक्ष उठाया गया था और कार्य-नियमों के अनुसार मंत्रिमंडल के पास मौजूद किसी मामले का निपटारा केवल वही कर सकता है।
नेता ने यहां पत्रकारों से कहा कि भाकपा की राज्य इकाई के सचिव बिनॉय विश्वम ने पार्टी के रुख से स्पष्ट रूप से अवगत कराया है और बताया है कि वह उस पर क्यों कायम है।