गुवाहाटी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के अवैध प्रवासियों को तुष्ट करने की नीति के चलते राज्य में 13,000 बीघा (लगभग 4,300 एकड़) से अधिक ‘सत्र’ भूमि — यानी वैष्णव मठों की जमीन — पर अतिक्रमण हो गया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार इन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की संस्थाओं की भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा:"कांग्रेस सरकार ने अपने अवैध प्रवासी वोट बैंक को खुश करने के लिए स्वदेशी असमिया लोगों की भावनाओं की अनदेखी की, जिसके परिणामस्वरूप 922 सत्रों की भूमि पर अतिक्रमण हो गया।"
उन्होंने बताया कि राज्य के कई जिलों में हजारों बीघा सत्र भूमि पर कब्जा कर लिया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
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बारपेटा: 7,137 बीघा (2,355.21 एकड़)
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नागांव: 2,583.79 बीघा (852.66 एकड़)
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बाजाली: 2,757.39 बीघा (909.94 एकड़)
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लखीमपुर: 896.76 बीघा (295.94 एकड़)
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा,“हमारा मिशन इन पवित्र और ऐतिहासिक जमीनों को पुनः प्राप्त करना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार जल्द ही सत्रों के संरक्षण और विकास के लिए एक स्थायी ‘सत्र आयोग’ गठित करेगी। अभी तक यह कार्य अस्थायी सत्र आयोग के माध्यम से किया जा रहा है, जिसकी हालिया बैठक में शर्मा ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री के अनुसार, यह स्थायी आयोग सत्रों को संस्थागत मजबूती देगा और उनकी भूमि, परंपरा व गतिविधियों की रक्षा करेगा।