वाराणसी. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें हिंदुओं को मस्जिद के दक्षिणी व्यास तहखाने में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई थी.
मुस्लिम पक्ष ने बेसमेंट के अंदर पूजा पर 15 दिनों के लिए रोक लगाने की मांग करते हुए जिला अदालत में याचिका भी दायर की है. हिंदू पक्ष ने भी एक कैविएट दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि अदालत द्वारा कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसे सुना जाए.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार गुप्ता के समक्ष इस मामले का उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एफ.ए. नकवी ने किया और रजिस्ट्रार लिस्टिंग के समक्ष तत्कालयाचिका दायर करने के लिए कहा गया था. तदनुसार, रजिस्ट्रार, लिस्टिंग के समक्ष एक आवेदन दायर किया गया है और मामला जल्द ही उठाए जाने की संभावना है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में स्थित व्यास जी का तहखाना में पूजा की अनुमति देने के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.
वाराणसी जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सीलबंद तहखानों (व्यास जी का तहखाना) में से एक के अंदर हिंदुओं के लिए पूजा अनुष्ठान करने के लिए 7 दिनों के भीतर उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. वर्ष 1993 में इस स्थान पर पूजा बंद कर दी गई.
वाराणसी जिला न्यायाधीश के आदेश के तुरंत बाद, जिला मजिस्ट्रेट एम.एस. राजलिंगम, अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ, काशी कॉरिडोर के गेट नंबर 4 के माध्यम से मस्जिद परिसर में प्रवेश किया और अधिकारियों ने परिसर के अंदर लगभग दो घंटे बिताए.
परिसर से बाहर निकलते समय राजलिंगम ने बाहर मौजूद मीडिया से कहा कि अदालत के आदेश का अनुपालन किया गया है.
अपने आवेदन में, मस्जिद समिति ने तर्क दिया है कि वाराणसी कोर्ट द्वारा रात में ही पूजा की अनुमति देने के आदेश के तुरंत बाद प्रशासन ‘अति जल्दबाजी’ में काम कर रहा था. आवेदन में आगे तर्क दिया गया कि आधी रात में होने वाली इन कार्रवाइयों का उद्देश्य मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा किसी भी कानूनी चुनौती को टालना था.
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