केसों पर कैसे निर्णय करें, इस पर सरकार का कोई दबाव नहींः सीजेआई चंद्रचूड़

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 18-03-2023
केसों पर कैसे निर्णय करें, इस पर सरकार का कोई दबाव नहींः सीजेआई चंद्रचूड़
केसों पर कैसे निर्णय करें, इस पर सरकार का कोई दबाव नहींः सीजेआई चंद्रचूड़

 

नई दिल्ली. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली का बचाव करते हुए शनिवार को कहा कि हर प्रणाली सही नहीं होती है, लेकिन यह उपलब्ध सर्वोत्तम प्रणाली है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव, 2023 में बोलते हुए, सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका को स्वतंत्र होने के लिए बाहरी प्रभावों से बचाना होगा.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मामलों को कैसे तय किया जाए, इस पर सरकार की ओर से बिल्कुल कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीश होने के मेरे 23 वर्षों में, किसी ने मुझे यह नहीं बताया कि किसी मामले का फैसला कैसे किया जाए. सरकार का बिल्कुल भी दबाव नहीं है. सीजेआई ने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला इस बात का सबूत है कि न्यायपालिका पर कोई दबाव नहीं है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर प्रणाली सही नहीं है, लेकिन यह सबसे अच्छी प्रणाली है, जिसे हमने विकसित किया है. लेकिन उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करना था, जो एक मूलभूत मूल्य है. अगर न्यायपालिका को स्वतंत्र होना है, तो हमें न्यायपालिका को बाहरी प्रभावों से अलग रखना होगा.’’

सीजेआई ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू को भी जवाब दिया, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा संवैधानिक अदालतों के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसित नामों को मंजूरी नहीं देने के सरकार के कारणों का खुलासा करने पर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने कहा, ‘‘धारणा में अंतर होने में क्या गलत है? लेकिन, मुझे इस तरह के मतभेदों से मजबूत संवैधानिक राजनीति की भावना के साथ निपटना होगा. मैं कानून मंत्री के साथ मुद्दों में शामिल नहीं होना चाहता, हम धारणाओं के मतभेद के लिए बाध्य हैं.’’ रिजिजू कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं और एक बार तो उन्होंने इसे ‘हमारे संविधान से अलग’ भी कहा था.

 

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