सरकार ने वृक्षारोपण के लिए हरित ऋण जारी करने के नियम बदले

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 31-08-2025
Government changed the rules for issuing green loans for tree plantation
Government changed the rules for issuing green loans for tree plantation

 

नयी दिल्ली 

सरकार ने लगाए गए पेड़ों की संख्या के आधार ‘‘हरित ऋण’’ जारी करने के नियम बदलते हुए अब इसके लिए बंजर/क्षतिग्रस्त वन भूमि की जमीन को पांच साल तक संवारे जाने तथा वहां 40 प्रतिशत वृक्षों का आवरण (कैनोपी कवर) जरूरी कर दिया है।
 
पर्यावरण मंत्रालय ने वृक्षारोपण के लिए हरित ऋण की गणना की पद्धति को संशोधित किया है। इसे पहली बार 22 फरवरी, 2024 को अधिसूचित किया गया था और 29 अगस्त को एक नयी अधिसूचना जारी की गई। ये कर्ज हरित ऋण कार्यक्रम के तहत प्रदान किए जाते हैं।
 
हरित ऋण पर्यावरण की रक्षा के लिए स्वैच्छिक कदम उठाने पर दी जाने वाली राशि है। व्यक्ति, समुदाय और कंपनियां पेड़ लगाने, मैंग्रोव (खारे पानी में पनपने वाले समुद्री पादप) को संरक्षित करने, टिकाऊ खेती करने या पर्यावरण के अनुकूल तरीके से कचरे का प्रबंधन करने जैसी गतिविधियों के माध्यम से इन्हें अर्जित कर सकते हैं।
 
नयी प्रणाली के तहत ऋण कम से कम पांच साल के जीर्णोद्धार कार्य के बाद और भूमि पर कम से कम 40 प्रतिशत वन आवरण घनत्व प्राप्त होने पर ही प्रदान किए जाएंगे।
 
वर्ष 2024 की अधिसूचना में वृक्षारोपण पूरा होने और इसके प्रमाणित होने के तुरंत बाद केवल लगाए गए पेड़ों की संख्या के आधार पर ऋण की अनुमति दी गई थी।
 
आवेदक द्वारा भुगतान किए जाने के दो वर्षों के भीतर वन विभाग को वहां वृक्षारोपण करना होता था।
 
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2024 की अधिसूचना के तहत पहले से शुरू की गई परियोजनाएं पूर्व के प्रावधानों के अनुसार ही जारी रहेंगी, जहां आवेदकों ने हरित ऋण पोर्टल के माध्यम से भुगतान जमा किया था।
 
हालांकि, भविष्य के दावे और गणनाएं 29 अगस्त को अधिसूचित संशोधित पद्धति द्वारा तय होंगी।