जम्मू, पंजाब और हिमाचल में बाढ़ प्रभावितों के लिए सेना का अभियान: 5,000 नागरिकों को बचाया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-09-2025
Army's relief operation for flood-affected people in Jammu, Punjab and Himachal: Over 5,000 civilians rescued
Army's relief operation for flood-affected people in Jammu, Punjab and Himachal: Over 5,000 civilians rescued

 

चंडीगढ़

भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने सोमवार को बताया कि जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे राहत अभियानों के तहत 5,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है और करीब 21 टन राहत सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचाई गई है।

पश्चिमी कमान द्वारा इन राज्यों में व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान चलाया जा रहा है।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस राहत अभियान के तहत 47 सैन्य टुकड़ियों को सक्रिय किया गया, जिनमें सेना की एविएशन यूनिट, वायुसेना के हेलीकॉप्टर, इंजीनियर, मेडिकल और संचार संसाधन शामिल हैं।

इस संबंध में जानकारी चंडीमंदिर (पंचकूला) स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल पुनीत आहूजा और कर्नल इकबाल सिंह अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।

उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 16 अगस्त से शुरू हुआ, जिसमें सेना की इंजीनियरिंग, मेडिकल और एविएशन यूनिट्स को अल्प सूचना पर तैनात किया गया ताकि लोगों की जान बचाई जा सके और जरूरी सेवाएं बहाल की जा सकें।

कर्नल अरोड़ा ने बताया कि बाढ़ राहत के लिए सेना की टीमें पूरी तरह से प्रशिक्षित, सुसज्जित और तत्पर थीं।उन्होंने कहा, “भारतीय सेना और वायुसेना के एविएशन संसाधनों की मदद से फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया और आवश्यक वस्तुएं समय पर पहुंचाई गईं।”

प्रत्येक मुख्यालय में एक 24x7 बाढ़ नियंत्रण निगरानी केंद्र स्थापित किया गया है, जो भाखड़ा नंगल डैम, रणजीत सागर डैम सहित सभी प्रमुख स्थानों पर जल स्तर की निगरानी करता है।

उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन स्थानीय प्रशासन, NDRF और SDRF के साथ समन्वय में चलाया जा रहा है, जिससे संसाधनों का कुशल उपयोग और प्रभावित लोगों को समय पर सहायता सुनिश्चित हो सकी।

कुल मिलाकर 47 टुकड़ियों में इंजीनियर, मेडिकल और संचार टीमों के साथ बचाव बल भी शामिल थे।

20 विमानों को लगातार राहत कार्यों में लगाया गया, जिनमें एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH), टोही हेलीकॉप्टर, Mi-17 और चिनूक जैसे विमान शामिल हैं।

अब तक बाढ़ग्रस्त इलाकों से 5,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के जवानों को बचाया गया है।

करीब 21 टन राहत सामग्री जिसमें खाद्य पैकेट, दवाइयां और जरूरी वस्तुएं शामिल हैं, ज़मीन पर और हवाई मार्ग से दूरस्थ स्थानों में पहुंचाई गईं।

कर्नल अरोड़ा ने बताया कि 27 अगस्त को सेना की संचार टीमों ने 2 किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाकर मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल की, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई।

29 अगस्त को जम्मू तवी पर सेना के इंजीनियरों ने 12 घंटे में एक बैली ब्रिज का निर्माण किया, जिससे शहर की एक महत्वपूर्ण लाइफलाइन फिर से बहाल हो सकी।

पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा हिमाचल व जम्मू-कश्मीर की बरसाती नालों में उफान के कारण गंभीर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारण, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों के गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में भी भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है।

14 अगस्त से अब तक क्लाउडबर्स्ट, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 130 से अधिक लोगों की जान गई है, 120 से ज्यादा घायल हुए हैं और 33 लोग लापता हैं।

26-27 अगस्त को रिकॉर्ड बारिश के चलते जम्मू और आसपास के मैदानी इलाकों में बाढ़ आई, जिससे सरकारी और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा।

हिमाचल प्रदेश भी प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में रहा, जहां कई बार बादल फटे, बाढ़ आई और बड़े भूस्खलन हुए, जिनमें कई लोगों की जान चली गई।