हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात गंभीर बने हुए हैं। शिमला में दो अलग-अलग भूस्खलन की घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है, जिनमें एक 35 वर्षीय व्यक्ति और उसकी दस साल की बेटी शामिल हैं। राज्य मौसम विभाग ने अगले दो दिन के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। शिमला जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां रविवार शाम से अब तक 115.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। शिमला-कालका रेलवे मार्ग पर भूस्खलन के कारण छह ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और राज्य में कुल 793 सड़कें बंद हैं।
शिमला के जुंगा इलाके के डबलू गांव में हुए भूस्खलन में वीरेंद्र कुमार और उनकी बेटी की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी हादसे के वक्त घर के बाहर थीं और बच गईं। दूसरी घटना में कोटखाई के चोल गांव में एक मकान गिरने से बुजुर्ग महिला कलावती मलबे में दब गईं, जिनका शव बाद में बरामद किया गया। सिरमौर के चौरास क्षेत्र में भी एक मकान गिरने की सूचना मिली है।
रोहड़ू के दयाल मोरी गांव में रविवार रात भूस्खलन के बाद एक महिला लापता है और चार परिवारों के दस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। रोहड़ू के उप-मंडल अधिकारी रमेश धमोत्रा के मुताबिक, तीन मकानों में चार परिवार रह रहे थे, दो गौशालाएं पूरी तरह दब गईं और आसपास के मकान भी खतरे में आ गए हैं।
शिमला के पोर्टमोर स्कूल की एक दीवार गिर गई है, वहीं राज्य विद्युत बोर्ड का एक ट्रांसफॉर्मर और आवासीय भवन के ऊपर पेड़ गिरने की कगार पर हैं। राजधानी के कई इलाकों में भूस्खलन के कारण पानी की आपूर्ति बाधित हुई है और अगले कुछ दिनों तक पानी में गंदगी की वजह से सप्लाई प्रभावित रहने की संभावना है।
सोलन जिले में भी कई जगह भूस्खलन हुआ है जिससे ट्रेन परिचालन प्रभावित हुआ है। रेलवे ने कालका से शिमला जाने वाली छह ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि जब तक लाइनें साफ नहीं हो जातीं और सुरक्षित घोषित नहीं की जातीं, तब तक ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होगा। इसके अलावा, चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी मानसर के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि सोमवार को जिले के अधिकांश हिस्सों में स्कूल-कॉलेज बंद रहे। वे जुब्बल-कोटखाई के विधायक भी हैं और उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 1.30 करोड़ सेब की पेटियां मंडियों तक पहुंचा दी गई हैं, जो उत्पादन का लगभग 50 प्रतिशत है।
लाहौल-स्पीति जिले के सरचू और चंद्रताल में हल्की बर्फबारी हुई है, जिसके कारण अधिकारियों ने यात्रियों के लिए सतर्कता की सलाह दी है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में रविवार शाम से भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। नांगल बांध में सबसे अधिक 220 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद रायपुर मैदान में 215, नैना देवी में 192, सोलन में 187, नाहन में 177.8 और कसौली में 135 मिलीमीटर दर्ज की गई। अन्य क्षेत्रों जैसे ददाहू, मलरांव, रोहड़ू, धर्मपुर, ऊना, शिमला, पांवटा साहिब, कंडाघाट और बरथिन में भी 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है।
आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में कुल 793 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी जिले में 266 और कुल्लू जिले में 177 सड़कें शामिल हैं। इसके साथ ही 2,174 ट्रांसफॉर्मर और 365 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं।
20 जून से शुरू हुए मानसून में हिमाचल प्रदेश में अब तक 91 बाढ़ के मामले, 45 बादल फटने की घटनाएं और 95 बड़े भूस्खलन हुए हैं। इन बारिश संबंधी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 320 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 4,098 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस मानसून में राज्य को लगभग 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इस पूरी स्थिति को देखते हुए प्रशासन, बचाव दल और स्थानीय लोग लगातार मुस्तैद हैं, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार आने वाले 48 घंटे और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसलिए सभी से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की गई है।