गढ़चिरौली
आज़ादी के 78 साल बाद महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक दूरदराज़ और कभी नक्सलियों के गढ़ रहे मरकनार गांव में पहली बार सरकारी बस सेवा शुरू की गई है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जब पहली राज्य परिवहन बस मरकनार पहुंची, तो स्थानीय ग्रामीणों ने तिरंगा लहराकर और जयकारे लगाकर उसका स्वागत किया। पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस सेवा से मरकनार और आसपास के गांवों के लगभग 1,200 लोगों, विशेष रूप से छात्रों और मरीजों, को सीधा लाभ मिलेगा।
गढ़चिरौली का भामरागढ़ उपखंड, जहां अबूझमाड़ की तलहटी में मरकनार स्थित है, लंबे समय तक नक्सल गतिविधियों का केंद्र रहा है। खराब सड़क और परिवहन कनेक्टिविटी के कारण यहां के लोग वर्षों से कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल की पहल पर शुरू की गई यह राज्य परिवहन सेवा मरकनार को अहेरी से जोड़ेगी। बस सेवा का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण तिरंगा लेकर पहुंचे।
नई बस सेवा से मरकनार के साथ-साथ मुरुंभुशी, फुलनार, कोपरशी, पोयारकोठी और गुंडुरवाही जैसे गांवों के निवासियों को भी फायदा होगा।
गढ़चिरौली पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में दूरदराज़ के इलाकों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गई हैं। 1 जनवरी 2025 को गट्टा-गरदेवड़ा-वांगेतुरी मार्ग पर और 27 अप्रैल 2025 को कटेझर से गढ़चिरौली तक बस सेवाएं शुरू की गई थीं।
पुलिस ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में गढ़चिरौली जिले में 420.95 किलोमीटर लंबी 20 सड़कें और 60 पुल बनाए गए हैं, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को नई गति मिली है।