ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र स्थित शारदा विश्वविद्यालय में मेडिकल की एक छात्रा ने शुक्रवार रात अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे परिसर में सनसनी फैल गई है। छात्रा के परिजनों की शिकायत पर विश्वविद्यालय के डीन सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि दो प्रोफेसरों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
अपर पुलिस उपायुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि मृतका की पहचान ज्योति शर्मा के रूप में हुई है, जो बीडीएस (दंत चिकित्सा) के द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। उसने अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से फांसी लगाकर जान दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
ज्योति के पिता रमेश जांगड़ा, जो गुरुग्राम के निवासी हैं, ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को लंबे समय से विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था।
रमेश ने डीन डॉक्टर एम सिद्धार्थ, प्रोफेसर सैरी मैडम, प्रोफेसर महेंद्र, अनुराग अवस्थी, सुरभि और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
रमेश का कहना है कि,“मेरी बेटी ने हमें कई बार बताया था कि कॉलेज में उसके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इस संबंध में हम खुद कॉलेज पहुंचे थे और डीन एवं अन्य लोगों से बात की थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि आगे ऐसा नहीं होगा, लेकिन प्रताड़ना जारी रही, जिसकी वजह से मेरी बेटी ने यह कदम उठा लिया।”
रमेश ने बताया कि शुक्रवार देर रात उन्होंने बेटी को फोन किया, लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं की। इसके बाद उसकी रूममेट ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।उन्होंने दावा किया कि घटना की सूचना उन्होंने रात में पुलिस को दी, जबकि कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को सूचित करने में देरी की।
पुलिस के अनुसार, ज्योति ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने कॉलेज प्रशासन के कुछ लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि दो प्रोफेसरों – महेंद्र और सैरी मैडम – को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच जारी है।
शारदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पी.के. गुप्ता ने कहा,“घटना की आंतरिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि छात्रा ने एक टेस्ट कॉपी में प्रोफेसर के फर्जी हस्ताक्षर किए थे। इस मुद्दे पर उसे टोका गया था और परिजनों को भी बुलाकर इसकी जानकारी दी गई थी। हम पुलिस जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं।”
इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय छात्र संगठनों ने निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।