Ganesh Chaturthi 2024: यहां जाने गणेश जी की हर मूर्ति का अलग मतलब, किस तरफ होनी चाहिए गणपति की सूंड ?

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 06-09-2024
Ganesh Chaturthi 2024: Know the different meaning of each idol of Ganesha here, which side should be the trunk of Ganpati?
Ganesh Chaturthi 2024: Know the different meaning of each idol of Ganesha here, which side should be the trunk of Ganpati?

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 

गणेश चतुर्थी आने वाली है. गणेश चतुर्थी की धूम पूरे देश में देखने को मिलती है. इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनायी जाएगी. इस शुभ अवसर पर लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति को विराजमान करते हैं. 
 
गणेश जी की अलग-अलग मूर्तियों का अलग-अलग मतलब होता है , दाईं और बाईं ओर के अलावा सीधी सूंड वाली मूर्ति भी आती है. अगर आप आपने घर में सीधी सूंड वाली मूर्ति रखते हैं तो ऐसा माना जाता है कि घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहेगी और घर का माहौल खुशनुमा रहेगा.
 
ऐसे में क्या आपको पता है कि गणेश जी कैसी मूर्ति अपने घर लानी चाहिए? अगर नहीं, तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं.
 
 
गणेश जी की हर मूर्ति का होता है एक अलग मतलब
 
पंचमुखी गणेश
 
गणेश चतुर्थी पर पंचमुखी गणेश जी की पूजा करने से माना जाता है कि विद्याओं की सिद्धि बिना बाधा के पूरी होती हैं.
 
हाथी पर बैठे गणेश
 
हाथी के ऊपर बैठे गणपति व्यक्ति को धन, यश और सम्मान देने के लिए जाने जाते हैं.
 
हरे रंग के गणेश
 
हरे रंग के गणपति को विवेक, बुद्धि और ज्ञान से जोड़कर देखा जाता है. गणेश चतुर्थी पर खासतौर पर पढ़ने वाले बच्चों को हरे रंग के गणेश जी की पूजा करनी चाहिए.

बांसुरी बजाते गणेश
 
गृह क्लेश की शांति के लिए घर में बांसुरी बजाते हुए गणेश जी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है.
 
बाएं हाथ की ओर सूंड वाले गणेश
 
गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की ओर होनी चाहिए. माना जाता है कि ऐसी मूर्ति से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
 
सीधी सूंड वाले गणपति
 
सीधी सूंड वाले गणेश जी की मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं. ऐसी मूर्ति से घर का माहौल खुशनुमा रहता है और सुख-शांति बनी रहती है.
 
दक्षिण मुखी सूंड वाले बप्पा
 
माना जाता है कि बप्पा की दक्षिण मुखी सूंड वाली मूर्ति की अगर पूजा सही विधि से की जाए तो यह मनोवांछित फल दे सकती है.
 
लेटे हुए गणेश की प्रतिमा

सोते हुए गणेश का शांत और संयमित व्यवहार धन, विलासिता, आराम और समृद्धि का प्रतीक है. सोते हुए गणेश की मूर्तियों में अक्सर भगवान गणेश को तकिये या तकिये पर झुके हुए दिखाया जाता है. गणेश की यह मुद्रा विलासिता और राजसीपन से जुड़ी है क्योंकि भगवान अपने सिंहासन पर तकिये के सहारे आराम से बैठे हुए दिखाई देते हैं. 
 
लेटे हुए गणेश की मूर्ति के साथ-साथ सोते हुए शिशु गणेश की छवि भी बहुत लोकप्रिय है, लेकिन मंदिरों या घरों में इसकी पूजा नहीं की जाती है. इसी तरह, सोते हुए गणेश का रूप भी आमतौर पर घरों में नहीं पाया जाता है.
 
हालाँकि, भगवान गणेश की पूजा उनके सबसे आम रूप में की जाती है जो कि उनकी बैठी हुई मुद्रा है. गणपति को रक्षक माना जाता है और इसलिए हर नई शुरुआत से पहले और शुभ अवसरों पर उनकी पूजा की जाती है.
 
किस तरफ होनी चाहिए गणपति बप्पा की सूंड

अकसर आपने देखा होगा कि गणपति की मूर्ति में सू्ंड या तो दायीं तरफ होती है या फिर बांयी तरफ तो आपको बता दें दांईं ओर और बाईं ओर सूंड होने का अलग-अलग मतलब होता है. ऐसा माना जाता है कि बाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड से बुध्दि की वृध्दि होती है और रचनात्मकता पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ता हैं. वहीं अगर बप्पा की सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई है तो माना जाता है कि इस तरह की मूर्ति लाने से घर में समृध्दि आती है.