Flight of dreams: 25 students of Pune's Zilla Parishad schools will leave for NASA trip
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पुणे जिले के एक छोटे से गांव की किशोरी शुभ्रा रेणुसे जब अक्टूबर में होने वाली अपनी अमेरिका यात्रा के बारे में उत्साह से बात करती है तो उसकी आंखों में गर्व झलकता है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नासा) की शैक्षणिक यात्रा के लिए चुने गए, पुणे जिले के ग्रामीण स्कूलों के 25 छात्रों में 13 वर्षीय शुभ्रा शामिल है.
पुणे से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित पाबे गांव (भोर तहसील) की कक्षा सातवीं की छात्रा ने कहा, ‘‘ मैं नासा के हालिया अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) मिशन, जिसमें सुनीता विलियम्स और उनकी टीम शामिल हैं, के बारे में अधिक जानने के लिए उत्सुक हूं। मैं भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के बारे में भी जानना चाहती हूं.
एक अधिकारी के अनुसार, यह यात्रा पुणे जिला परिषद द्वारा ‘इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स’ (आईयूसीएए) के सहयोग से आयोजित की जा रही एक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है.
जिला परिषद ग्रामीण भारत की पंचायती राज प्रणाली की शीर्ष इकाई होती है, जो जिले के स्तर पर विकास योजनाओं और सामाजिक न्याय से संबंधित कार्यों की जिम्मेदार होती है.
पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन पाटिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस दौरे के माध्यम से छात्रों को व्यापक स्तर पर अनुभव देने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने बताया, ‘‘ लगभग 15,000 छात्रों में से पहले 235 का चयन लिखित और मौखिक परीक्षा के आधार पर किया गया। उनमें से 75 छात्रों को अंतिम रूप से चुना गया। इनमें से 25 छात्र नासा जाएंगे, जबकि बाकी 50 छात्र इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण करेंगे.
इसके अलावा, शेष 160 छात्रों को भारत में स्थित तारामंडल, आईयूसीएए, जीएमआरटी (जाएंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप), राष्ट्रपति भवन और संसद जैसी संस्थाओं का दौरा कराया जाएगा.
पाटिल ने कहा कि जिला परिषद स्कूलों के छात्र अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली होते हैं, लेकिन निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में उन्हें पर्याप्त अवसर नहीं मिलते। उन्होंने कहा, ‘‘हम छात्रों में अंतरिक्ष और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना चाहते हैं, ताकि उनमें वैज्ञानिक सोच का विकास हो.
चयनित 25 छात्र अक्टूबर में अमेरिका यात्रा पर जाएंगे और उनके पासपोर्ट और वीजा की प्रक्रिया चल रही है. पाटिल के अनुसार, इस पूरी परियोजना का खर्च लगभग 3.5 करोड़ रुपये है, जिसे पुणे जिला परिषद वहन करेगी.