नई दिल्ली
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को जर्मनी के सांसद जुएर्गन हार्ड्ट से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने भारत-जर्मनी के बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों और हालिया वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की।
जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,“जर्मन सांसद @juergenhardt से मिलकर हमेशा अच्छा लगता है। हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और वैश्विक घटनाओं पर चर्चा हुई।”
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, जर्मनी यूरोप में भारत का एक महत्वपूर्ण और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच 1951 में राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से यह साझेदारी लगातार मजबूत होती रही है। मार्च 2021 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के बीच बीते दो वर्षों में छह बार मुलाकात हो चुकी है— द्विपक्षीय स्तर पर और प्रमुख वैश्विक सम्मेलनों के इतर भी।
इनकी हालिया बैठक जून 2024 में इटली के अपुलिया में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, जहाँ दोनों नेताओं ने मौजूदा सहयोग की समीक्षा की। इससे पहले, सितंबर 2023 में G20 शिखर सम्मेलन (नई दिल्ली) और मई 2023 में G7 शिखर सम्मेलन (हिरोशिमा) के दौरान भी मुलाकात हुई थी। फरवरी 2023 में चांसलर शोल्ज़ ने भारत का एकल राजकीय दौरा भी किया था, जो अंतर-सरकारी विचार-विमर्श (IGC) प्रारूप की शुरुआत के बाद किसी जर्मन चांसलर का पहला स्वतंत्र दौरा था।
भारत-जर्मनी के बीच छठा IGC मई 2022 में बर्लिन में आयोजित हुआ था, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी और चांसलर शोल्ज़ ने की थी। इसमें स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृषि पारिस्थितिकी, कौशल विकास, गतिशीलता जैसे कई क्षेत्रों में समझौते हुए थे। एक महत्वपूर्ण उपलब्धि ग्रीन और सतत विकास साझेदारी (GSDP) पर संयुक्त घोषणापत्र था।
इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत में स्लोवेनिया की राजदूत मतेया वोडेब घोष से भी मुलाकात की। यह एक विदाई भेंट थी।
जयशंकर ने एक्स पर लिखा:“आज शाम स्लोवेनिया की राजदूत मतेया वोडेब घोष से विदाई भेंट कर प्रसन्नता हुई। भारत-स्लोवेनिया संबंधों को सशक्त बनाने में उनके योगदान की सराहना करता हूँ। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ।”