राज्यसभा में सौहार्द और संवाद पर जोर देते हुए धनखड़ ने किया राष्ट्रहित में सहयोग का आह्वान

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 21-07-2025
Emphasizing on harmony and dialogue in Rajya Sabha, Dhankhar called for cooperation in national interest
Emphasizing on harmony and dialogue in Rajya Sabha, Dhankhar called for cooperation in national interest

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने राजनीतिक दलों से तनाव कम करने और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि एक समृद्ध लोकतंत्र निरंतर टकराव की स्थिति में टिक नहीं सकता.
 
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उच्च सदन की बैठक में सभापति ने कहा, "राजनीति का सार टकराव नहीं, संवाद है.अलग-अलग राजनीतिक दल भले ही अलग रास्तों से चलें, लेकिन सभी का लक्ष्य देशहित ही होता है। भारत में कोई भी राष्ट्र के हितों का विरोध नहीं करता."
 
उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ अशोभनीय भाषा और व्यक्तिगत हमलों से परहेज करने की अपील करते हुए कहा कि "टेलीविजन या अन्य मंचों पर असभ्य व्यवहार हमारी सभ्यता के मूल स्वरूप के विपरीत है."
 
राज्यसभा के 268वें सत्र के अवसर पर सोमवार को उच्च सदन में सभापति ने कहा "संवाद और विमर्श भारत की ऐतिहासिक शक्ति रही है, और यही हमारे संसद की कार्यप्रणाली का मार्गदर्शक होना चाहिए."
 
धनखड़ ने कहा कि आंतरिक संघर्ष देश के शत्रुओं को बल देता है और ‘‘हमारे बीच फूट डालने के लिए सामग्री उपलब्ध कराता है।’’ उन्होंने राजनीतिक दलों से रचनात्मक राजनीति में भाग लेने का अनुरोध करते हुए विश्वास जताया कि सभी के सहयोग और सक्रिय सहभागिता से यह मानसून सत्र उत्पादक और सार्थक सिद्ध होगा.