दुबई
दुबई में बसे भारतीय अरबपति व्यवसायी बलविंदर सिंह साहनी, जिन्हें आमतौर पर ‘अबू सबा’ के नाम से जाना जाता है, को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई है.
दुबई की चौथी आपराधिक अदालत ने साहनी पर 500,000 दिरहम का जुर्माना लगाया है और 150 मिलियन दिरहम की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है. अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सजा पूरी होने के बाद उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से निर्वासित कर दिया जाए.
अदालत के अनुसार, साहनी और अन्य प्रतिवादियों ने शेल कंपनियों और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के जरिये एक परिष्कृत मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क संचालित किया. यह मामला 18 दिसंबर, 2024 को बर दुबई पुलिस स्टेशन से लोक अभियोजन विभाग को सौंपा गया था. इस मामले में साहनी के बेटे सहित कुल 33 आरोपी शामिल हैं। पहला अदालती सत्र 9 जनवरी, 2025 को आयोजित हुआ था.
जांच के दौरान यूएई और अन्य देशों में फैले हुए वित्तीय नेटवर्क और उनके व्यापारिक संपर्कों का पता चला. अदालत ने साहनी से 150 मिलियन दिरहम की जब्ती के साथ-साथ मामले से जुड़ी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल फोन और दस्तावेजों को भी ज़ब्त करने का आदेश दिया है.
कुछ आरोपियों पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चला, जबकि अन्य सीधे अदालत में पेश हुए. कई प्रतिवादियों को 1 साल की जेल और प्रत्येक पर 200,000 दिरहम का जुर्माना लगाया गया. इसके अतिरिक्त, इस घोटाले में संलिप्त तीन कंपनियों पर भी 50-50 मिलियन दिरहम का जुर्माना लगाया गया और उनकी आपराधिक संपत्ति को ज़ब्त करने का निर्देश दिया गया.
बलविंदर सिंह साहनी यूएई, अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों में फैली एक प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनी के संस्थापक हैं. वह अपनी भव्य जीवनशैली और हाई-प्रोफाइल निवेशों के लिए जाने जाते हैं.
उन्होंने वर्ष 2016 में ‘D5’ नंबर प्लेट को 33 मिलियन दिरहम में खरीदा था, जिसे उस समय दुबई की सबसे महंगी कार नंबर प्लेट माना गया था. यह नीलामी और उनका लाइफस्टाइल उन्हें अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में ले आया था.