वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर सिर्फ भारत पर शुल्क लगाने के फ़ैसले की हाउस फ़ॉरेन अफेयर्स कमेटी के डेमोक्रेट सांसदों ने आलोचना की है। उनका कहना है कि इस निर्णय से न केवल अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर पड़ रहा है, बल्कि अमेरिका-भारत संबंध भी कमजोर हो रहे हैं।
कमेटी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा,“राष्ट्रपति ट्रंप का भारत पर एकतरफ़ा ध्यान अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहा है और द्विपक्षीय रिश्तों को भी बिगाड़ रहा है। ऐसा लगता है जैसे यह फैसला असल में यूक्रेन को लेकर है ही नहीं।”
कमेटी ने सवाल उठाया कि अगर सचमुच मकसद रूस पर दबाव बनाना था, तो फिर चीन जैसे देश, जो रूस से कहीं अधिक मात्रा में तेल खरीद रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
उन्होंने कहा कि यह “सबसे भ्रमित करने वाला नीति परिणाम” है क्योंकि चीन आज भी रियायती दामों पर रूसी तेल खरीद रहा है और उसे कोई दंडात्मक शुल्क नहीं झेलना पड़ा।
यह आलोचना ऐसे समय आई जब भारत से अमेरिका आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 50% शुल्क बुधवार (27 अगस्त) से लागू हो गया।
अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) की अधिसूचना के मुताबिक यह आदेश राष्ट्रपति ट्रंप के 6 अगस्त 2025 के कार्यकारी आदेश 14329 के तहत लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य “रूसी सरकार से उत्पन्न खतरों से अमेरिका की रक्षा करना” बताया गया है।
CBP ने कहा कि अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने टैरिफ अनुसूची (HTSUS) में संशोधन को आवश्यक माना है। इसके तहत अब भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सभी उत्पादों पर, चाहे वे सीधे उपभोग के लिए आयात हों या वेयरहाउस से निकाले गए हों, 50% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।