दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया; 4 गिरफ्तार, 3 नाबालिगों को बचाया गया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-08-2025
Rann Samvad-2025: Presenting a joint strategy of the army ready for the future
Rann Samvad-2025: Presenting a joint strategy of the army ready for the future

 

नई दिल्ली

दिल्ली पुलिस ने एक मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो रेलवे स्टेशनों पर कमजोर नाबालिगों और मजदूरों को निशाना बनाकर जम्मू-कश्मीर ले जाकर जबरन घरेलू काम और बंधुआ मजदूरी के लिए इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया है।

गिरोह का संचालन कैसे होता था:

  • यह गिरोह दलालों और प्लेसमेंट एजेंट्स के नेटवर्क के जरिए कार्यरत था, जो दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर खासतौर पर कमजोर बच्चों और मजदूरों को बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाते थे।

  • डीसीपी (आउटर नॉर्थ) हरेश्वर स्वामी के अनुसार, एक पुरुष पीड़ित के लिए 20,000 से 25,000 रुपये, जबकि महिला पीड़िता के लिए 40,000 से 60,000 रुपये तक वसूले जाते थे।

गिरफ्तार किए गए आरोपी:

  1. सलीम-उल-रहमान उर्फ वसीम (38) — गांदरबल, जम्मू-कश्मीर से

  2. सुरज (31) — प्रहलाद विहार, दिल्ली से

  3. मोहम्मद तालिब — रामपुर, उत्तर प्रदेश से

  4. सतनाम सिंह उर्फ सरदार जी — बाराबंकी, उत्तर प्रदेश से

पुलिस के अनुसार, सलीम ने पिछले दो वर्षों में लगभग 500 लोगों की तस्करी की है और प्रति व्यक्ति मोटी रकम वसूली है।

फर्जी पुलिस पहचान पत्र का इस्तेमाल:

  • तालिब के पास से एक फर्जी यूपी पुलिस उप-निरीक्षक का पहचान पत्र मिला, जिसका इस्तेमाल वह गिरफ्तारी से बचने और पीड़ितों की आवाजाही को निर्बाध बनाने के लिए करता था।

मामले की शुरुआत कैसे हुई:

  • भलस्वा डेयरी थाना में 15 और 13 साल की दो लड़कियों के अपहरण की शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू हुई।

  • तकनीकी निगरानी से लड़कियों का लोकेशन श्रीनगर में मिला।

  • पुलिस टीम ने 15 जून को दोनों लड़कियों को श्रीनगर से बचाया और दिल्ली लाया।

  • बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष दिए बयान में लड़कियों ने बताया कि उन्हें पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बहला-फुसलाकर श्रीनगर ले जाया गया, जहां उनसे बिना वेतन के घरेलू काम करवाया गया।

आगे की कार्रवाई:

  • 14 अगस्त को वसीम और सुरज को प्रहलाद विहार से गिरफ्तार किया गया।

  • वसीम ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह श्रीनगर में VA Manpower Pvt Ltd नाम से एक एजेंसी चलाता था और दो साल में करीब 500 लोगों की तस्करी कर चुका है।

  • सुरज ने खुलासा किया कि वह दिल्ली-स्थित एजेंटों के लिए ट्रांसपोर्टर के रूप में काम करता था और उसने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास काम कर रहे कई सहयोगियों के नाम बताए।

श्रीनगर में छापेमारी:

  • 19 अगस्त को पुलिस ने श्रीनगर में छापेमारी कर तालिब और सतनाम को गिरफ्तार किया और 16 वर्षीय एक लड़के को बचाया

जांच जारी:

  • पुलिस UPI लेन-देन और वाहनों की ट्रैकिंग कर रही है जिनका इस्तेमाल पीड़ितों को ले जाने में किया गया था।

  • शहबाज खान, नरेश, रोहित पांडे और सोहेल अहमद जैसे अन्य गिरोह सदस्यों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।