नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुजरात के भुज वायुसेना स्टेशन का दौरा करेंगे। यह दौरा उस समय हो रहा है जब उन्होंने एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित बादामी बाग छावनी में सेना के जवानों से मुलाकात की थी।
श्रीनगर यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान की बार-बार की परमाणु धमकियों से डरने वाला नहीं है, जो अक्सर गैर-जिम्मेदाराना ढंग से दी जाती हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों से अपनी पहली बातचीत में उन्होंने कहा:
"इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं को साफ संदेश दिया है कि अब वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।"
"हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना अचूक और निर्णायक है। अब हिसाब-किताब दुश्मन को करना होगा।"
उन्होंने एक तेज और साहसिक बयान देते हुए कहा:
"मैं दुनिया से पूछना चाहता हूं—क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार और आतंकी समर्थक राष्ट्र के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।"
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार स्थित पाकिस्तानी चौकियों और बंकरों को नष्ट करने वाले वीर सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि
"आज मैं भारत के लोगों का यह संदेश लेकर आया हूं—**'हमें अपनी सेना पर गर्व है'।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पार से कोई भी अनुचित कार्रवाई दोनों देशों के बीच बनी समझ का उल्लंघन मानी जाएगी। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख को दोहराते हुए कहा:
"आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। अगर बातचीत होगी, तो वह केवल आतंकवाद और पीओजेके (पाक अधिकृत कश्मीर) पर ही होगी।"
रक्षा मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने घायल जवानों के साहस की सराहना करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।