नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार से चीन के किंगदाओ शहर में शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल देंगे।
राजनाथ सिंह चीन के पूर्वी शानदोंग प्रांत स्थित समुद्री शहर किंगदाओ की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां यह सम्मेलन आयोजित हो रहा है। बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर भी व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है।
यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य टकराव के बाद यह किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा होगी।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राजनाथ सिंह सम्मेलन में भारत की एससीओ के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराएंगे और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा को लेकर भारत के दृष्टिकोण को साझा करेंगे। साथ ही वह आतंकवाद व उग्रवाद के खात्मे के लिए संयुक्त और ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देंगे।
सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री एससीओ देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग और आपसी संपर्क बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित कर सकते हैं। इसके अलावा, वह चीन, रूस सहित कुछ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि भारत एससीओ को बहुपक्षीय सहयोग, राजनीतिक संवाद, आर्थिक साझेदारी और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण मंच मानता है।
एससीओ की नीति सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचाव, आपसी सम्मान और बराबरी जैसे मूल सिद्धांतों पर आधारित है।