क़िंगदाओ (चीन),
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन से मुलाकात की। यह बातचीत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर क़िंगदाओ में हुई।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन दोनों के लिए यह आवश्यक है कि वे आपसी रिश्तों में बने सकारात्मक माहौल को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी नई जटिलता से बचें।
उन्होंने अपने चीनी समकक्ष के साथ हुई बातचीत को 'रचनात्मक और भविष्यगामी' बताया और कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी हित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की। साथ ही, उन्होंने करीब छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
राजनाथ सिंह ने 'X' (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
"क़िंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन से मुलाकात की। हमने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर रचनात्मक और भविष्य की दिशा में अग्रसर चर्चा की। छह साल के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा की पुनः शुरुआत पर खुशी जताई। दोनों देशों के लिए यह ज़रूरी है कि सकारात्मक गति को बनाए रखें और संबंधों में कोई नई जटिलता न जोड़ें।"
डोंग जुन ने स्वागत किया
राजनाथ सिंह गुरुवार को चीन पहुंचे थे, जहां एडमिरल डोंग जुन ने व्यक्तिगत रूप से उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने अन्य रक्षा मंत्रियों के साथ सामूहिक तस्वीर भी खिंचवाई।
डोभाल-वांग यी मुलाकात भी अहम
इससे पहले, 23 जून को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों में हालिया घटनाक्रम की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर चर्चा की, जिसमें जनसंपर्क बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया।
एनएसए डोभाल ने क्षेत्र में आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने की ज़रूरत पर बल दिया और शांति व स्थिरता बनाए रखने की बात कही।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 'X' पर पोस्ट करते हुए कहा:
"NSA अजीत डोभाल ने आज बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। चर्चा का फोकस द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर रहा जिनमें आपसी हित शामिल थे।"
यह मुलाकातें ऐसे समय पर हुई हैं जब भारत और चीन के बीच सैन्य और राजनयिक संवाद फिर से सक्रिय हो रहे हैं और सीमा पर तनाव के बाद रिश्तों में नई ऊर्जा लाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं।