मुंबई
दुनिया भर में दाऊदी बोहरा समुदाय ने अन्य मुस्लिम समाज के साथ मिलकर ईद-ए-मिलादुन्नबी ﷺ यानी हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ की पवित्र पैदाइश का दिन श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया।
मुंबई में हजारों लोगों ने 53वें दाई-ए-मुतलक, हज़रत सैयदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन (मदज़िल्लुल आली) की अगुवाई में भिंडी बाज़ार से निकाले गए एक भव्य जुलूस में भाग लिया। इस मौके पर समुदाय के छोटे-बड़े सभी लोग बैंड-बाजे के साथ शामिल हुए।
शहरभर और दुनिया के अन्य हिस्सों में दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग मस्जिदों और सामुदायिक केंद्रों में एकत्र हुए और 52वें दाई-ए-मुतलक, हज़रत सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह का खुत्बा (रिकॉर्डिंग) सुना। इस खुत्बे में नबी-ए-करीम ﷺ की पवित्र ज़िंदगी और उनकी शिक्षाओं से मार्गदर्शन लेने पर जोर दिया गया। खासतौर पर ज्ञानार्जन की महत्ता, अपनी पहचान और परंपराओं से जुड़े रहने, नमाज़ की पाबंदी और क़ुरआन मजीद की तिलावत के ज़रिए चरित्र निर्माण की अहमियत पर प्रकाश डाला गया।
एक समुदाय सदस्य ने कहा, “ईद-ए-मिलादुन्नबी ﷺ हमारे दिलों में नबी-ए-करीम ﷺ के लिए गहरी मोहब्बत को ताज़ा करता है। उनकी शिक्षाएँ—शफ़क़त, विनम्रता और इंसानियत की सेवा—हमें नेक और ज़िम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देती हैं। इससे हम अपने समाजों को मज़बूत कर सकते हैं और अपने धर्म के सिद्धांतों पर क़ायम रह सकते हैं।”