सैम पित्रोदा के बयान से पूरी तरह बेनकाब हो गई कांग्रेस : अमित शाह

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-04-2024
 Amit Shah
Amit Shah

 

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सैम पित्रोदा के 'विरासत टैक्स' को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि धन पुनर्वितरण और विरासत टैक्स पर सैम पित्रोदा के बयान से आज कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति उजागर हो गई है. इससे कांग्रेस पूरी तरह बेनकाब हो गई है और देश की जनता को इसके खिलाफ आवाज मुखर करनी चाहिए.

शाह ने कहा कि सैम पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस का मकसद साफ और स्पष्ट कर दिया है कि वह बहुसंख्यकों की संपत्ति को जब्त कर इसे अल्पसंख्यकों के बीच वितरित करने का इरादा रखती है. यह एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि भारत के गरीबों, दलितों, युवाओं, जनजातियों और पिछड़े वर्गों का सशक्तीकरण कभी भी कांग्रेस के एजेंडे में नहीं था. उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनकी प्राथमिकता देश के गरीब हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसकी प्राथमिकता एक विशेष समुदाय है.

अमित शाह ने आगे कहा कि सैम पित्रोदा की टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी के चेहरे से पूरी तरह नकाब उतर गया है. सबसे पहले कांग्रेस के घोषणा पत्र में 'सर्वे' का जिक्र किया गया. मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बयान है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है. ऐसा विचार ही कांग्रेस की विरासत रही है. अब सैम पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी की है कि धन के बंटवारे पर विचार-विमर्श होना चाहिए और विरासत टैक्स पर बात होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब कांग्रेस की इस सोच को जनता के सामने उजागर किया कि कांग्रेस की टेढ़ी नजर अब लोगों की संपत्ति पर है तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस बैकफुट पर आ गई. कांग्रेस के नेता कहने लगे कि ये उनका मकसद नहीं था, लेकिन, आज सैम पित्रोदा के बयान ने देश के सामने कांग्रेस का मकसद साफ और स्पष्ट कर दिया है कि वो देश की जनता की निजी संपत्ति का सर्वेक्षण कर उसे सरकारी खजाने में डालना चाहते हैं.

शाह ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के शासनकाल के दौरान कांग्रेस ने अपनी प्राथमिकता तय की थी कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक और मुस्लिम लोगों का है. इसी निर्णय के अनुसार कांग्रेस आम लोगों की संपत्तियों को वितरित करना चाहती है. कांग्रेस को या तो इसे अपने घोषणापत्र से वापस लेना चाहिए या वह स्वीकार करे कि वास्तव में यही उनका इरादा है.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की असली मंशा अब सामने आ गई है, इसका संज्ञान लोगों को लेना चाहिए. कांग्रेस के मन में छिपी हुई मंशा अब बेनकाब हो चुकी है. अगर कांग्रेस यह नहीं करना चाहती है, तो उन्हें अपने घोषणा पत्र से इसे वापस लेना चाहिए और घोषित करना चाहिए कि उनकी प्राथमिकता गरीब है, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि देश के संसाधन पर पहला हक गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी का है. देश की जनता को इसके खिलाफ आवाज मुखर करनी चाहिए. 

 

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