पीओके में चीनी अखरोट स्थानीय किसानों के लिए बने सिरदर्द

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-02-2022
पीओके में चीनी अखरोट स्थानीय किसानों के लिए बने सिरदर्द
पीओके में चीनी अखरोट स्थानीय किसानों के लिए बने सिरदर्द

 

नीलम घाटी, (पीओके). पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रहने वाले कुछ स्थानीय किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत #ChineseWalnuts के आयात बढ़ने के कारण खतरे में पड़ गया है, जिससे 30,000 परिवार प्रभावित हुए हैं.

#ChineseWalnuts के आने से बाजार में ऑर्गेनिक #KashmiriWalnuts को कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है. हालाँकि, #ChineseWalnuts में नरम खोल और सफेद गुठली होती है, लेकिन पीओके के अखरोट स्थानीय रूप से उगाए जाते हैं और स्वाद में बेहतर होते हैं. दुर्भाग्य से, #KashmiriWalnutsमात्रा में #ChineseWalnuts से अधिक संख्या में हैं.

डॉन अखबार के लिए लिखते हुए, पाकिस्तानी प्रोफेसर साजिद मीर ने कहा कि घर पर जैविक #KashmiriWalnuts उगाने से पीओके में ग्रामीणों के लिए आसान मौसमी आय होती है. हालांकि, जलवायु परिवर्तन और सरकारी ध्यान की कमी अवसरों को चुनौती में बदल रही है.

मीर के अनुसार, पिछले एक दशक में बारिश की असामान्य घटना सहित कई कारणों से #KashmiriWalnutsके कारोबार में सामान्य मंदी है. इसके कारण पिछले 10वर्षों में सूखे मेवों की कीमत उनकी कीमत के एक चौथाई तक गिर गई है, जिससे लगभग 30,000 परिवारों की खेती करने वाली आबादी के लिए कमाई का स्रोत कम हो गया है.

विशेषज्ञों के अनुसार बदलते मौसम से जुड़ा एक अन्य कारक कीट का प्रकोप और पेड़ के तनों और गुठली पर बीमारियों का फैलना है.

डॉन ने मुजफ्फराबाद के कृषि वैज्ञानिक जफर जहांगीर के हवाले से कहा, ‘अतीत में #KashmiriWalnutsकी फसलों में कीट का प्रकोप नहीं होता था. उन्होंने कहा, ‘लेकिन वे बहुत आम हो गए हैं क्योंकि उन्हें बदलती जलवायु परिस्थितियों के कारण अनुकूल वातावरण मिल रहा है.’

पाकिस्तानी अखबार ने नीलम के एक व्यापारी खालिद शाह के हवाले से कहा, ‘हमारे #KashmiriWalnuts बहुत पहले दूसरे देशों में निर्यात किए गए थे.’

आगे किसानों की दुर्दशा के बारे में बताते हुए शाह ने कहा, ‘भूरी गुठली पैदा करने वाली फसलों की खराब गुणवत्ता के कारण, हम चीन से पिछले 8 से 10 वर्षों से, अखरोट आयात कर रहे हैं.’

कश्मीरी व्यापारियों के लिए पाकिस्तानी बाजार में #ChineseWalnuts की आवक ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.

शाह ने कहा कि #KashmiriWalnuts बेचने में इन बाधाओं को देखते हुए, स्थानीय जमींदारों की #KashmiriWalnuts की खेती में रुचि कम हो रही है, और इससे स्थानीय व्यवसायों पर गंभीर असर पड़ेगा.