केंद्र ने 70,000 करोड़ रुपये की पनडुब्बी डील पर बातचीत की दी मंजूरी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-08-2025
Centre gives nod to start negotiations on Rs 70,000 crore submarine deal
Centre gives nod to start negotiations on Rs 70,000 crore submarine deal

 

नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय और मजगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (MDL) को 70,000 करोड़ रुपये की पनडुब्बी डील पर बातचीत शुरू करने की अनुमति दे दी है। यह डील जर्मन सहयोग से भारत में छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट-75 इंडिया’ के तहत होगी।

जनवरी में रक्षा मंत्रालय ने एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम से लैस पनडुब्बियों के निर्माण के लिए सरकारी कंपनी MDL को चुना था, जिसका साझेदार जर्मन कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) होगी।

रक्षा अधिकारियों के अनुसार, उच्चस्तरीय बैठक में नौसेना की भावी जरूरतों और पनडुब्बी बेड़े की रूपरेखा पर चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया। बातचीत की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक शुरू हो सकती है और उम्मीद है कि अगले छह महीनों में समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।

क्यों है यह डील अहम

  • इस परियोजना का लक्ष्य भारत में पारंपरिक पनडुब्बियों के डिजाइन और निर्माण की स्वदेशी क्षमता विकसित करना है।

  • भारतीय नौसेना छह आधुनिक पनडुब्बियां खरीदना चाहती है, जो जर्मन AIP तकनीक की मदद से लगातार तीन हफ्ते पानी के भीतर रह सकती हैं

  • सरकार पनडुब्बी निर्माण प्रक्रिया को तेज करने के उपाय भी तलाश रही है।

भविष्य की चुनौतियां और तैयारी

  • भारत निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) की मदद से दो परमाणु हमला पनडुब्बियां बनाने पर भी काम कर रहा है।

  • चीन की नौसेना के तेजी से आधुनिकीकरण को देखते हुए भारत ने कई परमाणु और पारंपरिक पनडुब्बी परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

  • अगले दशक में भारतीय नौसेना की लगभग 10 पुरानी पनडुब्बियां रिटायर होने वाली हैं, जिनकी जगह नई पनडुब्बियां तैनात करनी होंगी।