अगले तीन दिन दिल्ली-एनसीआर में गर्मी होगी सख्त, 27 को बौछार, 28 से मॉनसून आने की उम्मीदें

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] • 1 Years ago
बिहार के गांव मंगरपट्टी का दृश्य (फोटोः राजीव मिश्रा)
बिहार के गांव मंगरपट्टी का दृश्य (फोटोः राजीव मिश्रा)

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

राजधानी दिल्ली में अगले 4 दिनों में पारा चढ़ता ही जाएगा और इससे सख्त गर्मी पड़ेगी. 24 से 26 जून के बीच दिन के तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने की संभावना है. मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, “25 और 26 जून को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के निशान को छूने या पार करने की संभावना है.”

गौरतलब है कि जून के अंतिम हफ्ते का औसत तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहता है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जून के पहले पखवाड़े के दौरान लू की स्थिति थी. पारा लगातार 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा था. यहां तक ​​कि 2 मौके ऐसे भी आए जब तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया.

05 जून, 2022 को अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. कुछ मौसम केंद्रों पर तापमान 48 डिग्री भी दर्ज किया गया था.

हालांकि, जून का पहला पखवाड़ा भी पूरी तरह सूखा गुजरा था और औसत अधिकतम 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 4 डिग्री सेल्सियस अधिक था. 17 जून के बाद से तापमान सामान्य से काफी नीचे गिर गया और 18 से 20 जून के बीच 30 के निम्नतम स्तर पर रहा और अगले 2 दिनों में 21 और 22 जून को 30 के मध्य तक बढ़ गया.

19 जून को इसने न्यूनतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस को छू लिया, जो सामान्य से लगभग 8 डिग्री सेल्सियस कम है. बादल छाए रहने और मॉनसून पूर्व की विस्तारित गतिविधियों की वजह से दिल्ली का मौसम जून के महीने में मार्च जैसा महसूस हुआ, जबकि दिल्ली में मार्च का महीना जून की तरह गुजरा था.

मॉनसून की शुरुआत के लिहाज से दिल्ली के लिए दिल्ली अभी दूर है. शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण 26 जून तक आसमान साफ ​​रहेगा और पारा चढ़ता रहेगा. अगले 4 दिनों में पूरे भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में मानसूनी पुरबा हवाओं के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल मौसमी स्थितियां विकसित हो रही हैं.

27 से 30 जून तक 4 दिनों तक दिल्ली के बहुत करीब एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा बनने और चलने की स्थितियां बन रही हैं. ऐसी स्थिति में, इस दौरान तेज बौछारों और गरज के साथ ऊंचे बादलों बनते हैं. अंतत: पैटर्न का यह बदलाव और मौसम की स्थिति में बदलाव 28 जून के बाद कभी भी दिल्ली के ऊपर मानसून लाने में मददगार होगा.