गया (बिहार),
केंद्रीय मंत्री और जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के लिए राज्यसभा की एक सीट की मांग एक बार फिर दोहराई है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ सीट बंटवारे के दौरान उनकी पार्टी को दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट का आश्वासन दिया गया था।
पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कहा, “2024 के चुनावों से पहले हमें दो लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया गया था। उस समय हमें एक लोकसभा सीट दी गई, जिसे हमने जीता। प्रधानमंत्री ने मुझे मंत्री बनाकर सम्मान दिया, इसके लिए हम आभारी हैं, लेकिन राज्यसभा की सीट अब भी लंबित है। अप्रैल में जब राज्यसभा के चुनाव होंगे, तब HAM(S) को एक सीट मिलनी चाहिए—यही हमारी मांग है।”
गौरतलब है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) एक दलित-आधारित क्षेत्रीय पार्टी है, जिसकी स्थापना 2015 में मांझी ने जनता दल (यूनाइटेड) से अलग होकर की थी। मांझी 2014-15 के दौरान कुछ समय के लिए बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे और तब से पार्टी को वंचित व हाशिए पर खड़े समुदायों की आवाज के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले HAM(S) ने भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए के साथ गठबंधन किया था। केंद्र में एनडीए की जीत के बाद मांझी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इससे पहले नवंबर में, बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की बड़ी जीत के बाद मांझी ने गठबंधन के भीतर सीटें देने में “कंजूसी” का आरोप लगाया था, हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि वह गठबंधन के अनुशासित सहयोगी हैं, इसलिए उन्होंने सार्वजनिक विरोध नहीं किया।
मांझी ने स्पष्ट किया कि अधिक सीटों की उनकी मांग का एक अहम कारण भारत निर्वाचन आयोग से पार्टी को “मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल” का दर्जा दिलाना है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी को बने 10 साल हो गए हैं, लेकिन अब तक मान्यता नहीं मिली। सिर्फ पंजीकृत पार्टी होने के कारण हमें कई जगह अपमान झेलना पड़ता है।”