जींद. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को ध्वस्त बाबरी मस्जिद को ‘गुलामी का प्रतीक’ बताते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ एक लंबे समय का सपना अब पूरा हो रहा है.
दिसंबर 1992 में ‘कार सेवकों’ द्वारा गिराई गई बाबरी मस्जिद के स्पष्ट संदर्भ में, भागवत ने कहा, ‘‘अयोध्या में गुलामी के प्रतीक को ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन वहां किसी अन्य मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ. कारसेवकों ने कहीं भी दंगा नहीं किया.’’
उन्होंने यहां अपने तीन दिवसीय दौरे के बाद एक संबोधन में यह बात कही. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘मंदिर बनना खुशी की बात है. लेकिन अभी भी बहुत काम करना बाकी है और यह ध्यान रखना होगा कि जिस संघर्ष की बदौलत यह सपना पूरा हो रहा है वह आगे भी जारी रहना चाहिए ताकि मंजिल हासिल हो सके.’’
समाज को संगठित और एकजुट करने के लिए और तेजी से काम करने की जरूरत पर जोर देते हुए भागवत ने कहा कि जब पूरा देश एक साथ खड़ा होगा, तो वह दुनिया की सभी बुराइयों को दूर करने और ‘विश्व गुरु’ बनने में सक्षम होगा.
भागवत ने कहा कि दुनिया की अधिकांश संस्कृतियां समय के साथ लुप्त हो गईं, लेकिन हिंदू संस्कृति हर तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करने के बावजूद लचीली रही और अपनी पहचान बनाए रखी.
उन्होंने कहा, ‘‘इतनी सारी भाषाएं, देवी-देवता, विविध धर्म होने के बावजूद भारत में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक हर व्यक्ति का मानना है कि हमें ऐसे रहना है कि दुनिया उसे देखकर जीना सीखे.’’
ये भी पढ़ें : रुखसाना जबीं : कश्मीर की उर्दू शायरी में एक बेबाक नाम