पुणे
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अथर्व सुदामे ने सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने वाली अपनी एक रील विवाद बढ़ने के बाद हटा दी और माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद कभी भी किसी की भावनाएँ आहत करना नहीं था।
हाल ही में डाली गई इस रील में सुदामे पुणे की एक गणपति मूर्ति की दुकान पर जाते दिखते हैं। बातचीत के दौरान दुकानदार का बेटा उन्हें “अब्बू” कहकर संबोधित करता है, जिससे पता चलता है कि मूर्तियाँ बनाने वाला परिवार मुस्लिम है। यह सुनकर दुकानदार थोड़े असहज हो जाते हैं और कहते हैं कि चाहें तो मूर्ति कहीं और से ले लें। इस पर सुदामे जवाब देते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और संदेश देते हैं कि मूर्ति बनाने में भी श्रद्धा और अच्छे इरादे शामिल होते हैं।
हालाँकि यह वीडियो कुछ लोगों को नागवार गुज़रा। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने सुदामे पर “सेक्युलर एजेंडा थोपने” का आरोप लगाते हुए उन्हें ट्रोल किया।
विवाद गहराने पर सुदामे ने रील हटा दी और कहा,“मेरा उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना नहीं था। मैंने हमेशा हिंदू त्योहारों और संस्कृति पर वीडियो बनाए हैं। अगर किसी को बुरा लगा है, तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ।”
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार ने सुदामे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वीडियो में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था, बल्कि यह हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दे रहा था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों से यह स्पष्ट करने की मांग की कि आखिर उस वीडियो में गलत क्या था।