आकाशतीर ने सभी कामिकाजी ड्रोन को सटीकता से मार गिराया, एक भी ड्रोन जमीन पर नहीं उतर सका: अधिकारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 20-05-2025
Akash Teer shot down all the kamikaze drones with pinpoint accuracy, not even one could land: Official
Akash Teer shot down all the kamikaze drones with pinpoint accuracy, not even one could land: Official

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

भारत की स्वदेशी ‘आकाशतीर’ प्रणाली न केवल पाकिस्तान की ओर से बड़े पैमाने पर किए गए कामिकाजी ड्रोन और हवाई हमलों को शत प्रतिशत सटीकता के साथ नाकाम कर एक अभेद्य ढाल साबित हुई है, बल्कि अगली पीढ़ी के वायु रक्षा तंत्र के आगमन का संकेत भी देती है.
 
गत 7 से 10 मई के बीच रातों में जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए कामिकाजीआवाज़   और अन्य ड्रोन तथा मिसाइलों से हमले का प्रयास किया तो एक मूक प्रहरी के तौर पर आकाशतीर ने मुंहतोड़ जवाब दिया.
 
इस प्रणाली की निगरानी करने वाले एक मेजर ने यहां अग्रिम रक्षा स्थलों की यात्रा के दौरान ‘पीटीआई’ के एक संवाददाता से कहा, ‘‘यह दहाड़ता या चमकता नहीं था - यह सुनता था, गणना करता था और सटीक निशाना साधता था. हर खतरे को रोका गया, हर लक्ष्य को बेअसर किया गया. यह अदृश्य ढाल आकाशतीर है - भारत की पूरी तरह से स्वदेशी, स्वचालित अलेयर रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रणाली.’’
 
भारतीय सेना ने दिखाया कि कैसे आकाशतीर कमान और नियंत्रण प्रणाली के नेतृत्व में उसके कई स्तर वाले वायु रक्षा नेटवर्क ने पाकिस्तानी ड्रोनों को बेअसर कर दिया गया, जिनमें तुर्किए के कामिकाजी के साथ ही सोंगात्री और ईयात्री जैसे माइक्रो-ड्रोन शामिल थे.
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कामिकाजी ड्रोन और माइक्रो-ड्रोन को सटीकता से मार गिराया. माइक्रो-ड्रोन में, हमने सोंगात्री और ईयात्री जैसे ड्रोन भी बरामद किए, जो ज्यादातर तुर्किए मूल के हैं.’’
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से इतने बड़े हमले के बावजूद, भारत की वायु रक्षा सुरक्षा प्रणाली को भेदना बहुत मुश्किल है.
 
गाजियाबाद में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) द्वारा विकसित आकाशतीर, भारतीय सेना और वायु सेना दोनों की रडार प्रणाली के साथ सहजता से एकीकृत होकर पूरी तरह से स्वचालित कमान और नियंत्रण ढांचा तैयार करता है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह वास्तविक समय की स्थिति के बारे में जानकारी देता है और मित्रवत और शत्रुतापूर्ण हवाई वस्तुओं के बीच तुरंत अंतर कर सकता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी सफलता में यह एक महत्वपूर्ण कारक रहा, जहां इसे पहली बार लड़ाकू परिस्थितियों में तैनात किया गया था.’’
 
अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान से हुए हमले की भयावहता के बावजूद, हमारा वायु रक्षा नेटवर्क अभेद्य बना रहा. आकाशतीर प्रणाली ने हमें स्पष्ट और सतत हवाई तस्वीर दी, जिससे हम दुश्मन से कई कदम आगे रह सके.’’
 
उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध की उभरती गतिशीलता में यह क्षमता महत्वपूर्ण है, जहां ड्रोनों के झुंड और मानव रहित खतरे अद्वितीय चुनौतियां पेश करते हैं.
 
वायु रक्षा इकाई के एक कर्नल ने कहा, ‘‘आकाशतीर पूरी हवाई तस्वीर प्रदान करता है. यह वास्तविक समय में शत्रुतापूर्ण हवाई खतरों को नष्ट करने के लिए हथियारों का पता लगाता है, उन्हें प्राथमिकता देता है और उचित कार्रवाई करता है. एक भी ड्रोन (पाकिस्तानी) अपने मकसद में सफल नहीं रहा.’’
 
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘भारत निर्मित प्रारंभिक चेतावनी रडार और आकाशतीर की बदौलत, कोई भी ड्रोन जमीन पर नहीं उतरा. प्रत्येक को बीच हवा में ही रोक दिया गया.’’