आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के मदरसा पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर पर एक अध्याय शुरू करने का फैसला किया है. उत्तराखंड भर में 451 पंजीकृत मदरसों में 50,000 से अधिक छात्र नामांकित हैं, जो अब ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ेंगे.
अब मदरसों में भी भारतीय सेना की वीरगाथाओं और देशभक्ति की कहानियों को शामिल किया जा रहा है. इस पहल के तहत 'ऑपरेशन सिंदूर' को मदरसा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अद्वितीय साहस और रणनीति का परिचय देते हुए दुश्मनों को करारा जवाब दिया था.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हमला करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सेना के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल रेंज के दक्षिण के इलाकों से नौ में से सात हमले किए, जिसमें सीमा पार पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया और नष्ट कर दिया गया.
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया.
भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। दोनों पक्षों ने चार दिनों के टकराव के बाद 10 मई को शत्रुता समाप्त करने पर सहमति जताई.
भारतीय सेना ने रविवार को कहा, "करीब एक सप्ताह पहले शत्रुता समाप्त करने पर भारतीय और पाकिस्तानी सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बनी सहमति की कोई समाप्ति तिथि नहीं है." सेना के अधिकारी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने भारत में एक डिवीजनल मुख्यालय और दो ब्रिगेड मुख्यालयों पर हमला करने का भी प्रयास किया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ. अधिकारी ने कहा, "पीर पंजाल के दक्षिण में हमारे सैनिकों द्वारा जवाबी कार्रवाई में, हमने उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए." "हमने पाकिस्तान के विपरीत नागरिक क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया." इस बीच, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को राजस्थान के अग्रिम इलाकों लोंगेवाला का दौरा किया, जहां उन्होंने कोणार्क कोर के सैनिकों से बातचीत की और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए उनकी सराहना की. उन्होंने भारतीय वायु सेना और सीमा सुरक्षा बल के साथ समन्वय में की गई संयुक्त कार्रवाइयों की भी समीक्षा की.
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के हिस्से के रूप में भारतीय वायुसेना और बीएसएफ के साथ निकट समन्वय में निगरानी परिसंपत्तियों और वायु रक्षा प्रणालियों की तेजी से तैनाती की थी.
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक विशेष सैन्य अभियान था, जिसमें अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी भारतीय जवानों ने अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन किया. इस ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' इसलिए रखा गया था क्योंकि यह मातृभूमि की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान का प्रतीक माना गया.
शिक्षकों को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
इस नई पहल के तहत मदरसों के शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे छात्रों को इस विषय को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें. इसके लिए ऑडियो-विजुअल सामग्री, डॉक्यूमेंट्री फिल्में और सैन्य अधिकारियों के व्याख्यानों को भी शामिल किया जाएगा.
यह कदम न केवल शिक्षा को व्यापक बनाएगा, बल्कि समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और राष्ट्रप्रेम की भावना को भी मजबूत करेगा.