मुख्यधारा की पार्टियों की सांप्रदायिक राजनीति सभी समस्याओं की जड़: केजरीवाल

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 20-05-2025
Communal politics of mainstream parties is the root of all problems: Kejriwal
Communal politics of mainstream parties is the root of all problems: Kejriwal

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

 
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि मुख्यधारा की पार्टियों द्वारा पिछले 75 साल से की जा रही हिंदू-मुस्लिम राजनीति देश की सभी समस्याओं की जड़ है.
 
पार्टी की छात्र शाखा एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एएसएपी) की शुरुआत के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस जैसी पार्टियों का भोजन, शिक्षा और रोजगार जैसे मूल मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने का इतिहास रहा है.
 
आप नेता ने कहा, ‘‘हमारा देश कई समस्याओं से जूझ रहा है. लोगों की भोजन या शिक्षा तक पहुंच नहीं है. ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियां पिछले 75 साल में केवल राजनीति में लिप्त रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ये पार्टियां हमारे स्कूली बच्चों को केवल हिंदू-मुस्लिम के बारे में सिखा रही हैं... यह हमारे देश में समस्याओं का मूल कारण है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा नीत सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने का भी आरोप लगाया, जिसे आप ने अपने 10 साल के शासन में खड़ा किया था.
 
उन्होंने कहा, ‘‘तीन महीने के भीतर ही उन्होंने (भाजपा ने) दिल्ली में शिक्षा को बर्बाद कर दिया है. आप ने अपने 10 साल के कार्यकाल में निजी स्कूल माफिया को फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी. उन्होंने कहा, ‘‘आजकल दिल्ली में तीन से चार घंटे तक बिजली कटती है, जो पहले नहीं होती थी. एएसएपी के बारे में उन्होंने कहा कि इस मंच के तहत देशभर के कॉलेजों में छात्र सांस्कृतिक समूह बनाए जाएंगे. कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘एएसएपी में दो खूबसूरत चीजें हैं, एक वैकल्पिक राजनीति और दूसरी इसका नाम ‘एएसएपी’. अंग्रेजी में ‘ऐज सून ऐज पॉजिबल’ को संक्षिप्त में एएसएपी कहते हैं. इसलिए हमें जितनी जल्दी हो सके क्रांतिकारी नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है.