मुंबई
पूर्व नागर विमानन मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने अहमदाबाद में हुई एअर इंडिया की भीषण विमान दुर्घटना को लेकर सिंगापुर एयरलाइंस की चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
गौरतलब है कि टाटा समूह द्वारा संचालित एअर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह एअर इंडिया के निदेशक मंडल में भी शामिल है।
पटेल ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए सिंगापुर एयरलाइंस की "हैरान कर देने वाली चुप्पी" पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, “एक तरफ एअर इंडिया के विमान हादसे को लेकर दुख और चिंता जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर एक बड़े हिस्सेदार और तकनीकी साझेदार की भूमिका में होने के बावजूद सिंगापुर एयरलाइंस की चुप्पी या अज्ञानता समझ से परे है।”
12 जून को लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति बच गया। इसके अलावा दुर्घटनास्थल पर मौजूद 29 अन्य लोगों की भी जान चली गई।
पटेल ने आगे कहा, “सिंगापुर एयरलाइंस, जो एअर इंडिया के कई विमानों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाती है, इस पूरे प्रकरण में चुप क्यों है? हमें नहीं भूलना चाहिए कि वे केवल शेयरधारक नहीं हैं, बल्कि प्रबंधन में भी उनकी भागीदारी है।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एअर इंडिया के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन, सिंगापुर एयरलाइंस की ओर से नामित हैं और पहले उनकी सहयोगी कंपनी ‘स्कूट एयरलाइंस’ के सीईओ रह चुके हैं।
पटेल ने सवाल उठाया, “एसक्यू (सिंगापुर एयरलाइंस का आईएटीए कोड) आखिर चुप क्यों है?”
घटना के एक सप्ताह बाद, बुधवार को सिंगापुर एयरलाइंस ने एक बयान जारी कर कहा कि वह टाटा संस के साथ लगातार संपर्क में है और हादसे से प्रभावित सभी लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है।
फिलहाल, इस हादसे की जांच नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और एअर इंडिया के आंतरिक सुरक्षा बोर्ड द्वारा की जा रही है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसे तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।