आप सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में उठाया SSC फेज-13 परीक्षा में गड़बड़ियों का मुद्दा,

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 06-08-2025
AAP MP Sanjay Singh raised the issue of irregularities in SSC Phase-13 examination in Rajya Sabha,
AAP MP Sanjay Singh raised the issue of irregularities in SSC Phase-13 examination in Rajya Sabha,

 

नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की फेज-13 परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। यह परीक्षा 24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 के बीच आयोजित की गई थी।

संजय सिंह ने अपने नोटिस में परीक्षा से जुड़ी तकनीकी खामियों, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में त्रुटियों और कई केंद्रों पर परीक्षा रद्द होने जैसी गंभीर समस्याओं का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि इन खामियों के कारण देशभर के हजारों अभ्यर्थी, विशेषकर दिल्ली में, सड़कों पर उतर आए हैं और न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं

उन्होंने यह भी बताया कि अब छात्र आगामी कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) परीक्षा को लेकर भी बेहद चिंतित और डरे हुए हैं, जो 13 अगस्त से शुरू होने वाली है।

संजय सिंह ने कहा,"यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटनाएं SSC की परीक्षाओं में देखने को मिली हैं। पिछले एक दशक में परीक्षाओं का रद्द होना, तकनीकी गड़बड़ियां और प्रश्न पत्र लीक जैसी घटनाएं बार-बार हुई हैं। इससे न केवल भर्ती प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर असर पड़ा है, बल्कि देश की ईमानदारी और पारदर्शिता की छवि भी धूमिल हुई है।"

उन्होंने SSC से लेकर PPSC और राज्य स्तरीय शिक्षक भर्ती परीक्षाओं तक के सार्वजनिक चयन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी पर भी चिंता जताई।

संजय सिंह ने इस मुद्दे का छात्रों पर भावनात्मक और आर्थिक प्रभाव का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने सालों की मेहनत से परीक्षा की तैयारी की, उन्हें अब तनाव, अनिश्चितता और भविष्य की चिंता सताने लगी है।

इस बीच, SSC अध्यक्ष एस. गोपालकृष्णन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि फेज-13 की परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। हालांकि, जिन अभ्यर्थियों को परीक्षा में निष्पक्ष अवसर नहीं मिला, उनके लिए री-टेस्ट आयोजित किया जा सकता है।

कमीशन ने परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी Eduquity Career Technologies को भी पत्र लिखकर इस परीक्षा अवधि (24 जुलाई - 1 अगस्त) के दौरान सामने आई समस्याओं पर स्पष्टीकरण मांगा है

यह मामला अब देशभर में छात्र-छात्राओं के भविष्य और सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन गया है।