आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
जर्नल अॉफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, धूप में ज्यादा समय बिताने से शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, जिससे आप थकान के शिकार हो सकते हैं.शोधकर्ताओं का मानना है कि हल्का निर्जलीकरण से भी थकान की भावना पैदा हो सकती है. धूप में बैठना बिना कोई काम किए भी शरीर के लिए मेहनत करने के समान है.
त्वचा विशेषज्ञ हीथर डी. रोजर्स का कहना है कि तापमान में मामूली बदलाव शरीर को प्रभावित करता है. उसके कार्यों को प्रभावित करता है. शरीर पसीने के माध्यम से तापमान को बनाए रखने का काम करता है. मगर धूप में बैठने से शरीर से पानी निकल जाता है.
इसलिए आपको थकान और नींद आने लगती है.शरीर की यह थकान सामान्य ह. आमतौर पर समुद्र तट से लौटने के बाद तब देखी जाती है जब पानी की कमी के कारण शरीर थक जाता है.जानकारों का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक, आपको दिन में 8गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सभी लोग शरीर में बताई गई मात्रा में पानी पीने से पानी की जरूरत को पूरा कर सकते हैं.
जो लोग धूप में काम करते हैं, उन्हें पूरे दिन घर के अंदर बिताने वालों की तुलना में अधिक पानी पीने की जरूरत है.साथ ही किचन में काम करने वालों को भी पानी का इस्तेमाल बढ़ाना चाहिए. किचन का तापमान ज्यादा होता है जिससे पानी की कमी हो सकती है.
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि व्यस्त दिन के अंत में सामान्य थकान और गर्मी की थकावट के बीच बहुत स्पष्ट अंतर है.गर्मी की थकावट में, शरीर आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने के लिए शरीर के पानी को त्वचा की सतह पर लाता है.
इस प्रकार थकान के साथ-साथ नाड़ी तेज हो जाती है. नींद या बेहोशी का अहसास होता है, जो गर्मी की थकावट के लक्षण हैं.ऐसे में ठंडी जगह पर जाएं. ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. अगर लक्षण बने रहें तो डॉक्टर से संपर्क करें.
धूप में समय बिताने से बचने की कोशिश करें. यदि आवश्यक हो तो छाया में चले जाएं और स्वस्थ रहने के लिए खूब पानी पिएं.