आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
सिरदर्द को माइग्रेन भी कहा जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति काम करने की क्षमता खो देता है और थकान का शिकार हो जाता है.एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आधे सिर दर्द सेरेब्रल पाल्सी या ब्लीडिंग के कारण नहीं होते हैं. लड़कों और लड़कियों में माइग्रेन की मात्रा समान होती है. माइग्रेन के लक्षण उम्र के साथ नहीं बदलते.एक प्रकार का माइग्रेन महिलाओं के मासिक धर्म से भी जुड़ा है.
महिलाओं को यह दर्द मासिक धर्म के पहले, दौरान और बाद में होता है. यह दर्द आमतौर पर मासिक धर्म की अवधि समाप्त होने के बाद दूर हो जाता है.मनोचिकित्सक और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. केलेन जैडम का कहना है कि आधे सिर दर्द माथे में या मस्तिष्क के दाएं या बाएं,
आधे हिस्से में या आंखों के आसपास होते हैं.जिस हिस्से में दर्द होता है वह क्षेत्र भारी हो जाता है. लक्षणों में मतली या उल्टी शामिल हैं. माइग्रेन को दवा से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इन गोलियों का अति प्रयोग खतरनाक है.
डॉ. केलेन कहना है कि आधा सिरदर्द माथे में या दाएं या बाएं आधे हिस्से में या आंखों के आसपास होता है.माइग्रेन के कारणों में तेज रोशनी, तेज आवाज, गंध, कभी-कभार खाना छोड़ना, अनिद्रा और ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं जिनमें टेरामाइन होता है.
कुछ महिलाओं को कुछ खास तरह के खाने जैसे तली हुई चीजों से सिरदर्द हो जाता है. इसके विपरीत कुछ महिलाएं एक ही तरह के खाने से प्रभावित नहीं होती .
माइग्रेन के चार चरण होते हैं. दर्द से पहले, दर्द की शुरुआत, दर्द के दौरान और दर्द के बाद.इस संदर्भ में डॉ. केलेन इन चरणों की व्याख्या करते हैं. उनके अनुसार, रोगी इन चार चरणों से गुजरता है, जिनमें से अंतिम दो अधिक खतरनाक होते हैं.इन का विवरण इस प्रकार है
1-दर्द से पहले पीड़ित गंभीर थकान और भूख से के षिकार होते हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग किया जाता है. खासकर जब स्थिति मासिक धर्म के कारण हो.
2- दर्द की शुरुआत कुछ मिनटों से लेकर एक घंटे तक रहती है. यदि एक घंटे से अधिक समय तक रहता है, तो मस्तिष्क को लकवा मार सकता है. लक्षण यह भी है कि रोगी को देखने में कठिनाई होती है. उसे काले धब्बे दिखाई देते हैं.3-दर्द शुरू होने के बाद ऊपर बताए गए लक्षण गायब हो जाते हैं.4- दर्द के बाद, रोगी को गंभीर थकान और सोचने की क्षमता का नुकसान होता है.
प्रयोगों से पता चला है कि कई सामान्य दवाएं माइग्रेन के सिरदर्द के लिए भी फायदेमंद हैं और रोगियों को राहत देते हैं.इसके अलावा, ऐसे नए उपचार हैं जो विशेष रूप से बीमारी को कम करते हैं और प्रभावी परिणाम देते हैं. जैसे कि हर 6महीने में एक बार बोटॉक्स इंजेक्शन लगाना लाभदायक है.
इसे रोकने के लिए हर मरीज को सिरदर्द के ट्रिगर्स का पता लगाना चाहिए ताकि इनसे बचा जा सके.
उदाहरण के लिए, यदि किसी विशेष प्रकार के भोजन से सिरदर्द होता है, तो इससे बचना चाहिए. यदि किसी व्यक्ति को दिन में खाने के कारण सिर में दर्द होता है तो उसे समय बदल कर निश्चित समय पर भोजन लेना चाहिए. इसके अलावा, बीमारी को बढ़ाने वाली बदबू से बचने, तनाव को नियंत्रित करने और खूब पानी पीने से भी माइग्रेन को रोका जा सकता है.