जबलपुर (मध्यप्रदेश)
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को जबलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना की प्रशंसा करते हुए इसे एक “समग्र स्वास्थ्य नीति” करार दिया।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनाई गई नई स्वास्थ्य नीति में पहली बार निवारक (Preventive), प्रोत्साहनात्मक (Promotive) और उपचारात्मक (Curative) स्वास्थ्य देखभाल पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी चिंता यह होनी चाहिए कि व्यक्ति पहले ही बीमार न पड़े।”
कार्यक्रम के दौरान नड्डा और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मिलकर मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई लोककल्याणकारी पहल की शुरुआत की।
मुख्य घोषणाएँ व पहलें:
श्योपुर और सिंगरौली में नव-निर्मित सरकारी मेडिकल कॉलेजों का वर्चुअल उद्घाटन।
निजी निवेशकों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर, जिसके तहत बेतूल, पन्ना, धार और कटनी में PPP मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज स्थापित होंगे।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘वय वंदना कार्ड’ का वितरण (8 लाख लाभार्थियों के लिए), मंच से 5 वरिष्ठ नागरिकों को प्रतीकात्मक कार्ड सौंपे गए।
‘आयुष्मान सखी’ स्मार्ट चैटबॉट, ASHA संवाद कार्यक्रम और मातृ पोषण जागरूकता सामग्री का लोकार्पण।
मदर-चाइल्ड सेफ्टी कार्ड का शुभारंभ।
राज्य सरकार के “हेल्दी लीवर मिशन” के तहत 1 करोड़ लोगों की लीवर स्क्रीनिंग सफलतापूर्वक पूरी की गई।
नव-प्रारंभ मेडिकल कॉलेजों को 100-100 MBBS सीटों की अनुमति का पत्र सौंपा गया, जिससे तत्काल प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
नड्डा ने कहा कि भारत की नई स्वास्थ्य नीति अब केवल उपचार पर केंद्रित नहीं है, बल्कि निवारक और प्रोत्साहनात्मक स्वास्थ्य पर भी उतना ही बल देती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया का पहला देश है जिसने अपनी अधिकांश आबादी को 5 लाख रुपये वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवरेज उपलब्ध कराया है, वह भी आयुष्मान भारत-निरामयम योजना के तहत।