एआई को सहयोगी बनाइए, हावी नहीं होने दीजिए — सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल दुश्यंत सिंह

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-08-2025
Make AI your ally, don’t dominate it” — Retired Lt Gen Dushyant Singh
Make AI your ally, don’t dominate it” — Retired Lt Gen Dushyant Singh

 

महू (मध्य प्रदेश)

‘रण संवाद 2025’ में सेन्ट्रे फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज़ (CENJOWS) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दुश्यंत सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भविष्य की परिस्थितियों का आकलन करने और निर्णय क्षमता को बेहतर बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अत्यधिक निर्भरता इंसान पर एआई का नियंत्रण बढ़ा सकती है, इसलिए इसे केवल सहयोगी उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

बातचीत में उन्होंने कहा,“एआई बेहद महत्वपूर्ण है। यह किसी भी संगठन की डेटा को संभालने, निर्णय लेने और भविष्य की स्थिति का अनुमान लगाने की क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है। लेकिन इसके लिए डेटा उपलब्ध कराना अनिवार्य है। रक्षा बलों के पास डेटा की वर्गीकृत प्रकृति को लेकर सीमाएँ हैं, जिन पर काम किया जा रहा है। परंतु यदि हम एआई पर अति-निर्भर हो जाएँ तो इसका नियंत्रण इंसानों पर हावी होने लगेगा। इसलिए एआई का उपयोग केवल सहायता के रूप में होना चाहिए, न कि हमें नियंत्रित करने के लिए।”

एयर मार्शल नगेश कपूर ने रण संवाद के दौरान कहा,“युद्धभूमि पर आर्टिलरी की अपनी अहमियत हमेशा रहेगी। लेकिन एआई एक ऐसा व्यापक क्षेत्र है, जिसमें आर्टिलरी सहित सभी युद्ध उपकरणों का समन्वय हो सकता है। आर्टिलरी और एआई की तुलना संभव नहीं है। हमें तकनीक में हमेशा आगे रहना होगा, ताकि भविष्य का युद्ध पहले से अधिक तकनीक-सक्षम तरीके से लड़ा जा सके।”

सेन्ट्रे फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज़ (CENJOWS) के महानिदेशक, मेजर जनरल अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) ने कहा,“इतिहास गवाह है कि कोई भी युद्ध पिछली तकनीकों से नहीं जीता गया। नई-नई तकनीकें ही भविष्य की लड़ाइयों को आकार देती हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता विशेष रूप से अहम है क्योंकि यह वे कार्य कर सकती है, जिन्हें मानव मस्तिष्क करना कठिन समझता है।”

रण संवाद 2025 के उद्घाटन दिवस पर थलसेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने हालिया वैश्विक संघर्षों से सबक साझा किए और भविष्य की युद्ध रणनीति में भारत की रूपरेखा पर चर्चा की।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने उद्घाटन सत्र में कहा,“भारत को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सशस्त्र, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनना होगा।”

कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह त्रि-सेवा सम्मेलन को संबोधित करेंगे।