खन्ना जेम्स: AI जेमोलॉजिस्ट के ज़रिए रत्न उद्योग में क्रांति लाने की तैयारी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 02-08-2025
Khanna Gems: Set to revolutionise the gemstone industry with AI gemologists
Khanna Gems: Set to revolutionise the gemstone industry with AI gemologists

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

भारत में रत्नों का बाज़ार लंबे समय से अव्यवस्थित और अविश्वसनीय ढांचे का शिकार रहा है, जहाँ पारदर्शिता की भारी कमी और ठगी का बोलबाला है। अब इस स्थिति को बदलने का बीड़ा उठाया है खन्ना जेम्स ने, जो AI जेमोलॉजिस्ट नामक अत्याधुनिक तकनीक के ज़रिए रत्न बाज़ार में एक नई क्रांति लाने जा रही है.
 
रत्नों के बाज़ार में अविश्वास का माहौल

वर्तमान में रत्न बाज़ार का कोई संगठित ढांचा नहीं है. नकली, गरम किए हुए या कृत्रिम रत्नों को प्राकृतिक और असली बताकर बेचा जाता है. ज़्यादातर ग्राहक, तकनीकी जानकारी के अभाव में, ठगी का शिकार हो जाते हैं और उन्हें यह तक नहीं पता होता कि उन्होंने असली रत्न खरीदा है या नकली.
 
हालात तब और खराब हो जाते हैं जब प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) का भी कोई भरोसा नहीं रह जाता. निजी लैब्स मात्र ₹100-₹200 में कोई भी रिपोर्ट दे देती हैं, जिससे प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता भी संदेह के घेरे में आ गई है.
 
इसी अव्यवस्था में खन्ना जेम्स को दिखा बदलाव का अवसर

खन्ना जेम्स वर्षों से उपभोक्ताओं को ठगी से बचाने और गुणवत्ता की पैरवी करने में अग्रणी रहा है। 2017 में कंपनी ने नकली और उपचारित रत्नों के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान शुरू किया था। अब उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए कंपनी AI Gemologist के रूप में तकनीकी नवाचार को अपनाकर उद्योग में विश्वास बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है.
 
पंकज खन्ना, चेयरमैन, खन्ना जेम्स कहते हैं: “विश्वास बातों से नहीं, सच्चाई से बनता है. हमारा उद्देश्य है कि इस अनियमित बाज़ार की सच्चाई को सामने लाया जाए। जब लोग जानेंगे कि उनके साथ धोखा हो रहा है, तब वे खुद उस दिशा में मुड़ेंगे जहाँ सच्चाई है.”
 
क्या है AI जेमोलॉजिस्ट?

यह तकनीक खन्ना जेम्स के लिए नई कमाई का साधन ही नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली मार्केटिंग टूल भी बन रही है. ग्राहक अपनी आँखों से यह देख सकेंगे कि जिस रत्न को वे खरीद रहे हैं, वह प्रमाणिक, उपचार रहित और उचित मूल्य वाला है. इस पारदर्शिता के ज़रिए कंपनी रत्न व्यापार के नैतिक मानकों को भी पुनर्परिभाषित कर रही है.