नई दिल्ली
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी द्वारा अमिताभ बच्चन को राजनीति में लाने के बाद, दिवंगत अभिनेता और लेखक कादर खान ने एक बार बताया था कि अमिताभ का व्यवहार बदल गया था, जिससे उनकी दोस्ती में दरार आ गई।
कादर खान ने एक घटना का ज़िक्र किया था, जब एक निर्माता ने उनसे आग्रह किया कि वे अमिताभ बच्चन को ‘सर’ कहकर बुलाएं। इस माँग ने कादर खान को गहरा आघात पहुँचाया और उन्होंने इसे दोस्ती में दूरी का कारण माना। इस घटना के बाद दोनों के बीच गहरी दोस्ती खत्म हो गई, जिससे कादर खान बेहद दुखी थे।
कादर खान अपनी हाजिरजवाबी और अभिनय के लिए बेहद मशहूर थे। उन्होंने अपनी पुरानी दोस्ती और अमिताभ के बदलते रवैये पर खुलकर बात की थी। दोनों की दोस्ती लगभग दो दशकों तक चली, जिसमें उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में साथ काम किया।
कादर खान बचपन में अफगानिस्तान से भारत आ गए थे और हिंदी सिनेमा के प्रतिष्ठित लेखक और अभिनेता बने। उनका करियर तब शुरू हुआ जब दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें दो फिल्मों में कास्ट किया। इसके बाद कादर खान ने अमिताभ बच्चन के साथ कई सफल फिल्मों जैसे ‘बेनाम’ (1974), ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘परवरिश’ (1977), ‘मुकद्दर का सिकंदर’ (1978), ‘नसीब’ (1981), और ‘हम’ (1991) में काम किया।
हालांकि पेशेवर रिश्ते और दोस्ती के दौरान उनका नाता मजबूत था, लेकिन राजनीति में अमिताभ के प्रवेश के बाद उनके बीच की नज़दीकियाँ कम होने लगीं और वह पुरानी दोस्ती धीरे-धीरे खत्म हो गई। कादर खान के अनुसार यह उनके लिए बहुत दुखद अनुभव था।
यह कहानी बॉलीवुड की उन अनकही जटिलताओं में से एक है, जहां दोस्ती, पेशेवर रिश्ते और राजनीतिक बदलावों ने रिश्तों को प्रभावित किया।