नई दिल्ली
विवादों से अक्सर घिरे रहने वाले भारतीय फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह बनी है उनकी एक सोशल मीडिया पोस्ट, जिसमें उन्होंने दिवाली की शुभकामनाओं के साथ गाज़ा के युद्धग्रस्त हालात पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी कर दी।
वर्मा ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “भारत में दिवाली एक दिन मनाई जाती है, लेकिन गाज़ा में तो हर दिन दिवाली होती है।” उनकी यह टिप्पणी देखते ही देखते वायरल हो गई और लोगों ने इसे गाज़ा में जारी तबाही और मानवीय त्रासदी का मज़ाक उड़ाने के रूप में लिया।
दरअसल, इज़रायल के लगातार हमलों के कारण गाज़ा में भारी तबाही और जनहानि हो रही है। ऐसे में वर्मा की यह टिप्पणी कई यूज़र्स को बेहद असंवेदनशील लगी। सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई।
एक यूज़र ने लिखा, “उन्हें जश्न और विनाश में अंतर ही नहीं समझ आता।” वहीं, एक अन्य ने टिप्पणी की, “तुम इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हो? नरसंहार का भी मज़ाक बना दिया!”
यह पहली बार नहीं है जब राम गोपाल वर्मा अपनी किसी टिप्पणी को लेकर विवादों में आए हों। राजनीति, धर्म और सामाजिक मुद्दों पर उनके बयानों को लेकर वे कई बार निशाने पर रह चुके हैं। लेकिन इस बार लोगों का कहना है कि गाज़ा जैसे संवेदनशील और मानवीय संकट पर इस तरह की टिप्पणी उनकी सीमाओं से आगे निकल गई है।
सोशल मीडिया पर विरोध बढ़ने के बाद भी निर्देशक ने अब तक अपनी टिप्पणी पर कोई सफाई या माफ़ी नहीं दी है।
फिल्म जगत और आम दर्शकों के बीच यह बहस जारी है कि क्या मशहूर हस्तियों को इस तरह के संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यंग्य या टिप्पणी करते समय अधिक जिम्मेदारी नहीं दिखानी चाहिए?