आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
आईपीएल के इतिहास में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की काली जर्सी का एक अलग ही महत्व रहा है. यह जर्सी 15 साल बाद एक बार फिर चर्चा का केंद्र बनी है. 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही कोलकाता नाइट राइडर्स की काली जर्सी ने न केवल टीम को एक विशिष्ट पहचान दी, बल्कि इसके साथ जुड़ा एक अजीबोगरीब किस्सा भी है.
जब कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम आईपीएल में हार से जूझ रही थी और बार-बार ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पा रही थी, तो एक नई अटकलें शुरू हो गईं कि शायद टीम की काली जर्सी उनके खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार हो सकती है.
इस सोच के पीछे एक बड़ा नाम था – अभिनेत्री जूही चावला। जूही चावला, जो शाहरुख खान के साथ केकेआर की सह-मालिक हैं, इस जर्सी के रंग को लेकर काफी चिंतित थीं और उनका मानना था कि काला रंग टीम के लिए अशुभ है.
कई वर्षों तक केकेआर के लिए निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जूही ने इस धारणा को लेकर शाहरुख खान के सामने अपनी बात रखी. जूही के अनुसार, काली जर्सी के कारण टीम की किस्मत में बदलाव नहीं हो रहा था.
डॉक्यूमेंट्री 'लिविंग विद केकेआर' में जूही के पति जय मेहता ने भी इस अंधविश्वास का खुलासा किया. जूही ने इस बारे में कहा, "मुझे लगता है कि काली जर्सी केकेआर के लिए अशुभ है. जब हम लगातार हार रहे थे, तो मुझे लगा कि रंग को बदलने की आवश्यकता है."
जूही ने शाहरुख से कहा, "काला रंग मुझे बहुत पसंद है, लेकिन यह रंग टीम की ताकत और मनोबल के लिए ठीक नहीं है. हमें अपनी जर्सी का रंग बदलना चाहिए." शाहरुख ने इस पर नाराजगी जताई और जूही के विचारों को खारिज कर दिया. शाहरुख ने इसे 'अवास्तविक' बताते हुए मजाक में कहा, "क्या बकवास है, यह तो बिल्कुल गलत है."
हालांकि शाहरुख खान ने शुरुआत में जूही की बातों को नजरअंदाज किया, लेकिन जूही अपनी बात पर अडिग रहीं. उनका मानना था कि काला रंग टीम के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं दे रहा था, और उन्होंने शाहरुख से जोर देकर कहा कि जर्सी का रंग बदलना चाहिए.
जूही की जिद और विश्वास के सामने शाहरुख को आखिरकार झुकना पड़ा और उन्होंने जर्सी का रंग बदलने का फैसला लिया। इसके बाद कोलकाता नाइट राइडर्स की जर्सी का रंग काले से बैंगनी कर दिया गया.
यह बदलाव एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ. जूही का दावा था कि जर्सी का रंग बदलने के बाद उनकी टीम की किस्मत में सुधार आया और केकेआर ने धीरे-धीरे सफलता हासिल करना शुरू किया. उनकी टीम को अब न केवल अच्छे परिणाम मिलने लगे, बल्कि केकेआर की आईपीएल ट्रॉफी भी उनके हाथ आई.
जूही चावला ने एक कार्यक्रम में यह भी बताया कि उन्हें शुरुआत में काले और सुनहरे रंग के संयोजन में बनी जर्सी से खुशी नहीं थी. गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में जूही ने इस बारे में खुलासा किया कि जब शाहरुख खान ने जर्सी का डिजाइन तैयार किया था, तो वह इस संयोजन से असहमत थीं.
उन्होंने कहा, "हमें क्रिकेट फ्रेंचाइजी चलाने का अनुभव नहीं था। और जब शाहरुख के घर बैठक हुई, तो सब कुछ इन-हाउस ही किया गया था, जिसमें जिंगल से लेकर यूनिफॉर्म तक शामिल था. शाहरुख ने काले और सुनहरे रंग में जर्सी बनवाई थी, लेकिन मुझे यह पसंद नहीं आया। मुझे लगा कि काला रंग एक अशुभ रंग है."
अब, 15 साल बाद कोलकाता नाइट राइडर्स एक बार फिर काली जर्सी पहनने जा रही है. इससे यह सवाल उठता है कि क्या इस काली जर्सी के पहनने से टीम का प्रदर्शन फिर से बदल जाएगा? क्या यह जर्सी उनकी किस्मत को फिर से बदलने में मदद करेगी या इस बार यह टीम को और भी परेशानियों का सामना कराएगी?
यह देखना दिलचस्प होगा कि शाहरुख खान और जूही चावला के बीच यह रंग-बदलाव का विवाद एक बार फिर से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है या नहीं. हालांकि, यह साफ है कि आईपीएल के इतिहास में केकेआर की काली जर्सी और उसकी किस्मत के बीच गहरा संबंध रहा है, और अब यह देखना होगा कि इस जर्सी को फिर से पहनने से टीम को किस दिशा में लेकर जाता है.
कोलकाता नाइट राइडर्स के प्रशंसकों को उम्मीद है कि काली जर्सी के साथ एक नई शुरुआत हो, और टीम अपनी पुरानी धारा में वापसी करेगी. लेकिन, इस बार इस जर्सी के पहनने से क्या परिणाम सामने आते हैं, यह समय ही बताएगा.