राहत फ़तेह अली खान का पहला बंगाली गाना, बांग्लादेश में छाया जादू

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-09-2025
Rahat Fateh Ali Khan's first Bengali song creates magic in Bangladesh
Rahat Fateh Ali Khan's first Bengali song creates magic in Bangladesh

 

ढाका

दुनिया भर में अपनी सुरमयी आवाज़ से पहचान बनाने वाले पाकिस्तान के मशहूर गायक उस्ताद राहत फ़तेह अली खान ने अब बंगाली संगीत में भी कदम रख दिया है। पहली बार बंगाली गीत गाकर उन्होंने बांग्लादेशी श्रोताओं का दिल जीत लिया है। यह पहल दोनों देशों के सांस्कृतिक रिश्तों को और मज़बूत करने वाली मानी जा रही है।

राहत फ़तेह अली खान ने बांग्लादेश की लोकप्रिय गायिका रुबाइयात जहाँ के साथ मिलकर एक युगल गीत ‘तुमी अमार प्रेम पियाशा’ गाया है। इसका संगीत और धुन पाकिस्तान के प्रसिद्ध संगीत निर्देशक राजा कशफ ने तैयार किया। राहत ने इस चुनौतीपूर्ण गाने की तैयारी उन्हीं की प्रेरणा से की थी।

गीत रिलीज़ होते ही सोशल मीडिया पर छा गया। राहत के उच्चारण और उनकी गहरी भावनाओं से भरे अंदाज़ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ख़ासकर यह पंक्ति “एले तुमी मोनेर घोरे, जानबे तोमार आमी के” श्रोताओं के दिल में उतर गई। प्रशंसकों का कहना है कि राहत गाते समय किसी विदेशी कलाकार की तरह नहीं, बल्कि एक बांग्लादेशी गायक जैसे लगे।

संगीत निर्देशक राजा कशफ ने मीडिया से बातचीत में कहा—
"मैंने आशा भोसले और अदनान सामी जैसे दिग्गजों के साथ काम किया है, लेकिन राहत का यह प्रयास वाकई अद्भुत है। उनकी गायकी ने मेरे साथ-साथ दुनियाभर के संगीत प्रेमियों पर गहरा असर छोड़ा है।"

वहीं, गायिका रुबाइयात जहाँ ने बताया कि राहत साहब ने गीत को उर्दू लिपि में लिखकर कई बार अभ्यास किया ताकि बंगाली शब्दों को सही अंदाज़ में गा सकें। उनके साथ गाना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है।

यह गीत सिर्फ़ एक संगीत प्रस्तुति नहीं, बल्कि दक्षिण एशियाई संगीत इतिहास में एक नया अध्याय माना जा रहा है। इसमें पाकिस्तान की समृद्ध कव्वाली परंपरा और बांग्लादेशी रागों की गहराई को एक साथ पिरोया गया है, जिसने दोनों देशों की कला और संस्कृति को नई ऊर्जा दी है।