पीवीआर ऑईनॉक्स को अच्छी फिल्मों के प्रदर्शन से लाभ में आने की उम्मीदः एमडी अजय बिजली

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 10-08-2025
PVR Inox expects to turn profitable with good film performance: MD Ajay Bijli
PVR Inox expects to turn profitable with good film performance: MD Ajay Bijli

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
 देशभर में मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों का संचालन करने वाली कंपनी पीवीआर आईनॉक्स को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और कंपनी अब अच्छी फिल्मों के प्रदर्शन और ओटीटी को लेकर रुझान कम होने का फायदा उठाकर मुनाफे की राह पर लौटने की उम्मीद कर रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक अजय बिजली ने यह जानकारी दी है.

बिजली ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि कंपनी द्वारा संचालित सिनेमाघरों में अप्रैल-जून तिमाही में 3.4 करोड़ लोगों ने फिल्में देखीं, जो सालाना आधार पर 12 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल का महीना सुस्त रहने के बावजूद जून तिमाही के कारोबार में यह तेजी देखने को मिली.
 
बिजली ने कहा, "हम हमेशा इस बात को लेकर आश्वस्त रहे हैं कि भारतीय दर्शकों के लिए बड़े पर्दे पर फिल्म देखना मनोरंजन का अग्रणी माध्यम रहेगा। ओटीटी और अन्य माध्यमों के साथ यह समानांतर रूप से चलता रहेगा.
 
हालांकि उन्होंने लाभ को लेकर कोई स्पष्ट लक्ष्य नहीं दिया लेकिन उन्होंने कहा कि मौजूदा रुझान और आगामी फिल्मों की सूची से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.
 
उन्होंने बताया कि जुलाई महीने में 'सैयारा', 'सुपरमैन', 'जुरासिक पार्क: रीबर्थ', 'एफ1 फैंटास्टिक फोर: फर्स्ट स्टेप्स' और 'महावतार नरसिंह' जैसी फिल्मों को दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली.
 
इसके अलावा 14 अगस्त को रजनीकांत की फिल्म 'कुली' और यशराज बैनर की 'वॉर 2' जैसी बड़ी फिल्में रिलीज़ हो रही हैं। विजली ने कहा, "15 अगस्त का लंबा सप्ताहांत हमारे लिए बड़ा मौका है. ओटीटी को लेकर दर्शकों का रुझान कम होने और दर्शकों के व्यवहार से हमें संकेत मिल रहा है कि सिनेमाघरों में दर्शकों की मौजूदगी बढ़ेगी.
 
कंपनी ने पहली तिमाही में अपना एकीकृत शुद्ध घाटा घटाकर 54.5 करोड़ रुपये कर लिया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 179 करोड़ रुपये था. इस दौरान कंपनी की परिचालन आय 1,469.1 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 1,190.7 करोड़ रुपये थी.
 
बिजली ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना है कि जब दर्शक सिनेमाघर आएं, तो उन्हें शानदार अनुभव मिले। फिल्म निर्माता अगर दर्शकों से जुड़ने वाली फिल्में बनाते रहें, तो सफलता मिलनी तय है.